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धर्म-अध्यात्म
हमेशा वास्तु के अनुरूप बनवाएं ड्राइंग रूम, जाने इसके बारे में
Ritisha Jaiswal
27 Aug 2021 4:07 AM GMT
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घर के किचन, बेडरूम, पूजा घर आदि की तरह ड्राइंग रूम (Drawing Room) का वास्तु भी बहुत अहम होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। घर के किचन, बेडरूम, पूजा घर आदि की तरह ड्राइंग रूम (Drawing Room) का वास्तु भी बहुत अहम होता है. इसकी दिशा, दीवारों का रंग, सोफा रखने की जगह और बाकी डेकोरेशन का सामान सही जगह पर होना बहुत जरूरी है. यदि ड्राइंग रूम का इंटीरियर करते समय कुछ गलतियां हो जाएं तो इसका असर परिवार के लोगों की जिंदगी और उनके रिश्तों पर पड़ता है. लिहाजा ड्राइंग रूम या लिविंग रूम से जुड़े वास्तु (Vastu) के नियमों का ध्यान रखना जरूरी है.
ऐसा हो घर का ड्राइंग रूम
ड्राइंग रूम की सही दिशा: आमतौर पर लोग अपने घर के लिविंग रूम (Living Room) या ड्राइंग रूम को बहुत अच्छे से सजाते हैं, ताकि घर आने वाले मेहमानों पर अच्छा प्रभाव पड़े. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार यदि घर पूर्व या उत्तरमुखी है तो आपके ड्राइंग रूम को पूर्वोत्तर दिशा यानी कि ईशान कोण में होना चाहिए. वहीं पश्चिममुखी घर में लिविंग रूम उत्तर-पश्चिम दिशा यानी कि वायव्य कोण में होना चाहिए. दक्षिण मुखी घर में बैठक का कमरा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए.
ड्राइंग रूम की विंडो: ड्राइंग रूम में खिड़कियां (Window) यदि पूर्व या उत्तर दिशा में हों तो बहुत अच्छा होता है.ड्राइंग रूम के दीवार-पर्दे: बैठक के कमरे की दीवारों का रंग सफेद, हल्का पीला, आसमानी या हल्का हरा होना चाहिए. यहां की दीवारों में गहरे रंगों का उपयोग करने से बचें. पर्दे भी दीवारों के रंग की तरह हल्के रंग के लगाएं.
कभी भी ड्राइंग रूम में बीम के नीचे सोफा या कुर्सी न रखें. ना ही यहां पर कोई नकारात्मक चित्र लगाएं. कांटेदार पौधे रखने से रिश्तों में कड़वाहट आती है, लिहाजा ऐसे प्लांट्स न रखें. यदि अपना फैमिली फोटो लगा रहे हैं तो उसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाएं. सीलिंग के बीच में एक की बजाय दो झूमर लगाएं और उनके बीच कुछ खाली जगह छोड़ें.
Tagsdrawing room
Ritisha Jaiswal
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