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- नवग्रहों की मंत्र जाप...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्योतिषशास्त्र का संपूर्ण आधार सौरमंडल में स्थित 9 ग्रह पर टीका है। ज्योतिषाचार्य कोई भी दावा इन्हीं नवग्रह के स्थिति के आधार पर करते हैं। ज्योतिष शास्त्र का मानना है कि सभी नवग्रह मनुष्य की सभी कामनाओं को पूरा करने में सक्षम होते हैं। ग्रहों की दशा सही होने पर जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा कष्टों का कारण भी यही होते हैं, इसीलिए इनकी दशा को सही रखने के लिए इनके मंत्र का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों के प्रभाव से मनुष्य को सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। आइये जानते हैं नवग्रहों के 9 बीज मंत्र और उनके लाभ।
नवग्रहों के 9 बीज मंत्र
1. सूर्य : ओम ह्राँ हीं सः सूर्याय नमः
भगवान सूर्य की पूजा से शक्ति, साहस, यश, सफलता और समृद्धि हासिल होती है।
2. चंद्र : ओम श्राँ श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः
चंद्रमा की पूजा मानसिक शांति, धन की प्राप्ति और जीवन में सफलता के लिए उपयोगी है।
3. मंगल : ओम क्राँ क्रीं क्रों सः भौमाय नमः
4. बुध : ओम ब्राँ ब्रीं ब्रों सः बुधाय नमः
5. गुरु : ओम ग्राँ ग्रीं ग्रों सः गुरुवै नमः
6. शुक्र : ओम द्राँ द्रीं द्रों सः शुक्राय नमः
शक्र की पूजा से जीवन में खुशियों की प्राप्ति होती है। प्रेम और रिश्तों में प्रगाढ़ता आती है।
7. शनि : ओम प्राँ प्रीं प्रों सः शनैश्चराय नमः
8. राहु : ओम भ्राँ भ्रीं भ्रों सः राहवे नमः
9. केतु : ओम स्राँ स्रीं स्रों सः केतवे नमः
केतु की पूजा से स्वास्थ्य, धन, भाग्य खुशी की वृद्धि होती है।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'