धर्म-अध्यात्म

अक्षय तृतीया पर बन रहा है स्वयं सिद्ध मुहूर्त, इस दिन गरीब को करें दवाई दान

Apurva Srivastav
11 May 2021 8:31 AM GMT
अक्षय तृतीया पर बन रहा है स्वयं सिद्ध मुहूर्त, इस दिन गरीब को करें दवाई दान
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अक्षय का मतलब है अटूट और सदा प्रचुरता में रहने वाला।

अक्षय का मतलब है अटूट और सदा प्रचुरता में रहने वाला। इस व्रत को लोग इस श्रद्धा के साथ करते हैं कि जीवन में धन-धान्य और सुख-संपदा की कमी कभी ना रहे। यह भी समझने की बात है कि धन-धान्य और संपन्नता का अर्थ स्वास्थ्य की संपूर्णता भी है। आज के दिन गेहूं, जौ, चना, सत्तू, दही, चावल, दूध से बनी चीजें, सभी प्रकार के रस और गर्मी के मौसम में उपयोगी फल-सब्जी भी दान करें। आज के दिन किए गए पिण्डदान से पितरों को प्रसन्नता प्राप्त होती है और पितृदोष से मुक्ति भी मिलती है। अक्षय तृतीया के दिन गरीब बीमार लोगों को दवाई दान करें। उनकी सहायता होगी और आप को सुकून मिलेगा।

अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष यह शुक्रवार के दिन पड़ रही है। अक्षय तिथि का आरंभ 14 मई 2021 को सुबह 5:03 से अक्षय तृतीया समाप्ति तिथि 15 मई 2021 को सुबह 7:59 तक है। पूजा का शुभ मुहूर्त 5:30 से दोपहर 2:18 तक है। इस दिन भगवान सूर्य, मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। अक्षय तृतीया स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहलाता है, इसलिए इस दिन को मांगलिक कार्यक्रमों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि उनमें जीवनभर अक्षय सुख का वरदान मिलता है।
इस दिन खासतौर पर सोने-चांदी, नए वस्त्र, रत्न आदि की खरीदारी की जाती है। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति के लिए दान-पुण्य किया जाता है। इसी दिन परशुराम जी काजन्म उत्सव भी होता है। शास्त्रों में वर्णन है कि आज के दिन किये गए पूजा-पाठ के फल का कभी क्षय नहीं होता। मान्यता के अनुसार इस दिन सोना खरीदने का खास विधान है, ताकि सोना पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ता चला जाए।


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