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हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 11 दिसंबर को पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है. जिसे संकष्टी चतुर्थी या अखुरन संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन विधि-विधान के साथ उनका पूजन किया जाता है. साथ ही कई लोग गणेश जी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत करते हैं. मान्यता है कि यदि गणेश जी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाएं तो उनके सभी दुख हर लेते हैं. संकष्ट चतुर्थी के दिन चंद्रमा का विशेष महत्व होता है क्योंकि दिन भर व्रत करने के बाद रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है. आइए जानते हैं कि अखुरन संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.
संकष्टी चतुर्थी 2022 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार संकष्टी चतुर्थी तिथि 11 दिसंबर को 4 शाम बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानि 12 दिसंबर को शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगी. इस दिन सुबह 5 बजकर 17 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 11 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगर. जबकि सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक अभिजित मुहूर्त रहेगा. यह मुहूर्त पूजा के लिए बेहद ही शुभ हैं. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है. बता दें कि संकष्टी चतुर्थी के दिन यानि 11 दिसंबर को चंद्रोदय रात बजकर 11 मिनट पर होगा.
संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन किया जाता है और इनका दूसरा विघ्नहर्ता है. कहते हैं यदि भक्तिभाव से इनका पूजन किया जाए तो भक्तों के सभी विघ्न दूर होते हैं. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजाघर की सफाई करें और गंगाजल से स्वच्छ करें. फिर भगवान गणेश का विधि-विधान के साथ पूजन करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें. इसके बाद फल और फूल चढ़ाएं और दिनभर व्रत करने के बाद रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.