धर्म-अध्यात्म

अहोई माता की आरती

Tulsi Rao
11 Oct 2022 11:26 AM GMT
अहोई माता की आरती
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Ahoi Ashtami 2022 Vrat Upay: कार्तिक माह में कई बड़े पर्व मनाए जाते हैं. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर 2022 के दिन रखा जाएगा. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विधान है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. करवा चौथ का व्रत चांद के दर्शन के बाद पूरा होता है और अहोई अष्टमी का व्रत तारा देखकर खोला जाता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन निर्जला व्रत रखने से भगवान शिव और मां पावर्त की कृपा प्राप्त होती है और वे प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन अहोई अष्टमी का व्रत तभी पूरा माना जाता है, जब पूजा के बाद अहोई माता की आरती की जाती है. इस दिन मां की आरती करने से व्रत के पूर्ण फल की प्राप्ति होती है.

अहोई माता की आरती (Ahoi Mata Ki Aarti)

जय अहोई माता, जय अहोई माता।

तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता।।

जय अहोई माता।।

ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमलातू ही है जगमाता।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावतनारद ऋषि गाता।।

जय अहोई माता।।

माता रूप निरंजनसुख-सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावतनित मंगल पाता।।

जय अहोई माता।।

तू ही पाताल बसंती,तू ही है शुभदाता।

कर्म-प्रभाव प्रकाशकजगनिधि से त्राता।।

जय अहोई माता।।

जिस घर थारो वासावाहि में गुण आता।

कर न सके सोई कर लेमन नहीं धड़काता।।

जय अहोई माता।।

तुम बिन सुख न होवेन कोई पुत्र पाता।

खान-पान का वैभवतुम बिन नहीं आता।।

जय अहोई माता।।

शुभ गुण सुंदर युक्ताक्षीर निधि जाता।

रतन चतुर्दश तोकूकोई नहीं पाता।।

जय अहोई माता।।

श्री अहोई माँ की आरतीजो कोई गाता।

उर उमंग अति उपजेपाप उतर जाता।।

जय अहोई माता।।

Tulsi Rao

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