धर्म-अध्यात्म

सूर्य ग्रहण के बाद कुंभ राशि में वक्री होंगे देवगुरु बृहस्पति

Tara Tandi
3 Jun 2021 9:29 AM GMT
सूर्य ग्रहण के बाद कुंभ राशि में वक्री होंगे देवगुरु बृहस्पति
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साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा। सूर्य ग्रहण के 10 दिन बाद देव गुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन करेंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा। सूर्य ग्रहण के 10 दिन बाद देव गुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन करेंगे। 20 जून 2021 को रात 8 बजकर 34 मिनट पर वक्री होकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वक्री गुरु का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र में देव गुरु बृहस्पति को नौ ग्रहों में शुभ माना गया है। कहा जाता है कि गुरु जन्म कुंडली में शुभ स्थान पर होने पर जल्दी शुभ फल देते हैं।

देव गुरु बृहस्पति किसके कारक हैं?
देव गुरु बृहस्पति को ज्योतिष शास्त्र में धन, विवाह, मान-सम्मान, उच्च पद और ज्ञान का कारक माना जाता है। गुरु ग्रह के कारण जातक के विवाह के योग, धन लाभ और ज्ञान की प्राप्ति होती है। जन्म कुंडली में गुरु के शुभ व उच्च के होने पर जॉब में तरक्की और व्यापार में मुनाफा के योग बनते हैं। जातक को मान-सम्मान और ख्याति प्राप्त होती है। गुरु ग्रह की कृपा होने पर लोग परिवार का नाम रोशन करते हैं।
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वक्री गुरु किन राशि वालों को पहुंचाएंगे लाभ-
गुरु के वक्री होने पर मेष, वृषभ और मिथुन राशि वालों को शुभ समाचार मिलेंगे। इस दौरान इन्हें विशेष लाभ भी होगा। इस दौरान खुशियां आपके घर आएंगी। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपार सफलता प्राप्त होगी। धन लाभ के भी योग बनेंगे।
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इस महीने कई ग्रहों का राशि परिवर्तन-
गुरु के वक्री होने से पहले कई ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। 1 जून को मंगल ग्रह ने राशि परिवर्तन किया है। 15 जून को सूर्य राशि परिवर्तन होगा। गुरु की उल्टी चाल से कुछ राशि वालों को अशुभ परिणाम देखने को भी मिलेंगे। इस दौरान इन्हें अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा।


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