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- पांच साल बाद करवा चौथ...
कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। यह व्रत अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला माना गया है। इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं व रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं। मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत पति को दीर्घायु प्रदान करने वाला माना गया है। इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को किया जाएगा। ज्योतिष के अनुसार इस बार का करवा चौथ और भी ज्यादा खास होने वाला है क्योंकि इस बार करवा चौथ पर बेहद ही शुभ योग में चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा। जानिए इस बार करवा चौथ पर कौन से शुभ संयोग का हो रहा है निर्माण और क्या है चंद्रमा निकलने व पूजन करने का सही समय।
बन रहा है ये शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा पूरे समय रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। इस नक्षत्र में चंद्रमा का पूजन करना बेहद ही शुभ माना जाता है। इसी के साथ ज्योतिष के अनुसार चतुर्थी तिथि को चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में विराजमान रहेगा। इस तरह शुभ संयोग का मिलन होने के कारण यह करवा चौथ सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत ही खास होगा। ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ का पूजन करना सौभाग्य वृद्धि प्रदान करने वाला है। इस बार करवा चौथ रविवार को पड़ रहा है, इससे पहले 2017 में यानी पांच साल पहले रविवार के दिन करवा चौथ का व्रत पड़ा था। रविवार को करवा चौथ होने के कारण भगवान सूर्य नारायण का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
इस समय निकलेगा चांद
करवा चौथ पर सबसे ज्यादा इंतजार चांद का किया जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होता है। पूरे दिन कठिन निर्जला उपवास रखने के बाद महिलाओं को बहुत ही बेसब्री से चांद निकलने का इंतजार रहता है। इस बार करवा चौथ पर रात्रि 08 बजकर 09 मिनट पर चांद निकलेगा। शहर व राज्य के अनुसार चंद्रमा निकलने के समय में थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है।
ये है पूजन का शुभ मुहूर्त-
इस बार 24 अक्तूबर को सूर्योदय से चतुर्थी तिथि आरंभ हो जाएगी जो अगली सुबह 05 बजकर 45 मिनट तक रहेगी।
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि आरंभ- 24 अक्तूबर 2021 दिन रविवार तड़के 03 बजकर 01 मिनट से
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 अक्तूबर 2021 दिन सोमवार को प्रातः 05 बजकर 43 मिनट पर
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक
संध्याकाल पूजन का शुभ मुहूर्त- 05 बजकर 42 से लेकर 06 बजकर 59 मिनट तक
पूजन शुभ मुहूर्त अवधि- 01 घण्टा 17 मिनट