धर्म-अध्यात्म

आखिर नवरात्रि में क्यों जलाई जाती अखंड ज्योत, जानें इसका महत्व और लाभ

Shiddhant Shriwas
11 Oct 2021 5:33 AM GMT
आखिर नवरात्रि में क्यों जलाई जाती अखंड ज्योत, जानें इसका महत्व और लाभ
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नवरात्रि में अखंड ज्योत का बहुत महत्व होता है. इसका बुझना अशुभ माना जाता है. जहां भी ये अखंड ज्योत जलाई जाती है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवरात्रि यानि नौ दिनों तक चलने वाली देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के साथ ही इस पावन पर्व पर कई घरों में घटस्थापना होती है. इसके साथ ही कई जगह अखंड ज्योत का भी विधान है. शक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर मां दुर्गा की साधना करते हैं. अखंड ज्योति अर्थात ऐसी ज्योति जो खंडित न हो. अखंड ज्योत पूरे नौ दिनों तक अखंड रहनी चाहिए यानी जलती रहनी चाहिए. अंखड दीप को विधिवत मंत्रोच्चार से प्रज्जवलित करना चाहिए. नवरात्रि में कई नियमों का पालन किया जाता है.

नवरात्रि में अखंड ज्योति का महत्व
नवरात्रि में अखंड ज्योत का बहुत महत्व होता है. इसका बुझना अशुभ माना जाता है. जहां भी ये अखंड ज्योत जलाई जाती है वहां पर किसी न किसी की उपस्थिति जरुरी होती, इसे सूना छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहिए. अखंड ज्योत में दीपक की लौ बाएं से दाएं की तरफ जलनी चाहिए. इस प्रकार का जलता हुआ दीपक आर्थिक प्राप्‍ति का सूचक होता है. दीपक का ताप दीपक से 4 अंगुल चारों ओर अनुभव होना चाहिए, इससे दीपक भाग्योदय का सूचक होता है. जिस दीपक की लौ सोने के समान रंग वाली हो, वह दीपक आपके जीवन में धन-धान्य की वर्षा कराता है एवं व्यवसाय में तरक्की का संदेश देता है.
लगातार 1 वर्ष तक अंखड ज्योति जलने से हर प्रकार की खुशियों की बौछार होती है. ऐसा दीपक वास्तु दोष, क्लेश, तनाव, गरीबी आदि सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है. अगर आपकी अखंड ज्योति बिना किसी कारण के स्वयं बुझ जाए तो इसे अशुभ माना जाता है. दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए. दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से रोग में वृद्ध‍ि होती है, मांगलिक कार्यो में बाधाएं आती हैं. संकल्प लेकर किए अनुष्‍ठान या साधना में अखंड ज्योति जलाने का प्रावधान है. अखंड ज्योति में घी डालने या फिर उसमें कुछ भी बदलाव का काम साधक को ही करना चाहिए, अन्य किसी व्यक्ति से नहीं करवाना चाहिए.
स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छी मानी जाती है अंखड ज्योत
मान्यताओं के अनुसार मां के सामने अंखड ज्योति जलाने से उस घर में हमेशा से मां की कृपा रहती है. नवरात्रि में अंखड दीप जलाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है क्योंकि घी और कपूर की महक से इंसान की श्वास और नर्वस सिस्टम बढ़िया रहता है. नवरात्रि में अखंड दीप जलाने से मां कभी अपने भक्तों से नाराज नहीं होती हैं. नवरात्र में अखंड ज्योति से पूजा स्थल पर कभी भी अनाप-शनाप चीजों का साया नहीं पड़ता है. नवरात्रि में घी या तेल का अखंड दीप जलाने से दिमाग में कभी भी नकारात्मक सोच हावी नहीं होती है और चित्त खुश और शांत रहता है. घर में सुगंधित दीपक की महक चित्त शांत रखता है जिसके चलते घर में झगड़े नहीं होते और वातावरण शांत रहता है.
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