धर्म-अध्यात्म

आखिर क्यों खरमास में बंद होते हैं सभी शुभ कार्य? जानिए इसके बारे में

Gulabi
15 Dec 2021 6:15 AM GMT
आखिर क्यों खरमास में बंद होते हैं सभी शुभ कार्य? जानिए इसके बारे में
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मार्गशीर्ष और पौष मास दोनों की ही सनातन धर्म में एक खास महत्व होता है
Kharmas 2021 date: मार्गशीर्ष और पौष मास दोनों की ही सनातन धर्म में एक खास महत्व होता है. इन दोनों मास के बीच हर साल खरमास आता है. खरमास का अपना ही एक खास महत्व होता है. आपको बता दें कि जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो ही खरमास लगता है. ज्योतिष शास्त्र अनुसार, खरमास में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. इन दिनों हर तरह के शुभ कार्य करना वर्जित होता है.
कहा जाता है कि खरमास में शादी-विवाह, सगाई, मुंडन और भवन निर्माण जैसे मंगल कार्य पूरी तरह से वर्जित माने जाते हैं. ऐसे में इस साल 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करेंगे, वैसे ही खरमास लग जाएगा. 16 दिसंबर से शुरू होने वाले खरमास का समापन 14 जनवरी को होगा. तब तक सभी शुभ कार्य बंद रहेंगे.
खरमास में क्यों बंद होते हैं शुभ कार्य?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, धनु राशि का स्वामी बृहस्पति होता है. कहते हैं कि बृहस्पति का अपनी ही राशि में प्रवेश इंसान के लिए अच्छा नहीं होता है. ऐसा होने पर कुंडली का सूर्य कमजोर हो जाता है. इस राशि में सूर्य के मलीन होने के कारण से इसको मलमास तक कहा जाता है. ऐसा कहा जाता हैं कि खरमास में सूर्य का स्वभाव उग्र हो जाता है. जिस कारण से शुभ कार्यों में पाबंदी होती है.
खरमास की कथा (Kharmas Katha)
खरमास की पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्यदेव हमेशा ही अपने सात घोड़ों पर सवार होकर पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाते हैं.जब सूर्यदेव ये परिक्रमा करते हैं तो वो कहीं रुकते नहीं हैं. लेकिन रथ से जुड़े घोड़े विश्राम ना मिलने के चलते थक जाते हैं. जब वह ये देखते हैं तो भावुक हो जाते हैं और घोड़ों को पानी पिलाने के लिए एक तालाब के पास ले जाते हैं. उसी वक्त सूर्यदेव को आभास होता है कि अगर उनका रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा.
फिर भी सूर्यदेव जब तालाब के पास पहुंचते हैं तो उनको वहां दो खर (गधे) दिखाई देते हैं. ऐसे में सूर्य अपने घोड़ों को पानी पीने के लिए छोड़ देते हैं और रथ से खर को जोड़ लेते हैं. हालांकि खर बहुत ही मुश्किल से सूर्यदेव का रथ खींच पाते हैं. खर के रथ खींचने से उसकी गति भी धीमी पड़ जाती है. सूर्यदेव बड़ी मुश्किल से इस मास का चक्कर पूरा कर पाते हैं, लेकिन इस बीच उनके घोड़े विश्राम कर चुके होते हैं. इसके बाद सूर्य का रथ फिर से अपनी गति पर आ जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि हर साल खरमास में सूर्य के घोड़े आराम करते हैं.
खरमास में कौन से कार्य कर सकते हैं?
कहा जाता है कि अगर प्रेम विवाह या स्वयंवर का मामला हो तो विवाह किया जा सकता है. जो भी कार्य हम नियम से कर रहे हों, उनको करने में भी खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं है. गया श्रद्धा आदि भी कर सकते हैं.
नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
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