धर्म-अध्यात्म

आखिर क्यों दिया था भगवान शिव ने विष्णु को सुदर्शन चक्र, जानें पौराणिक कथा

Kiran
30 Jun 2023 3:27 PM GMT
आखिर क्यों दिया था भगवान शिव ने विष्णु को सुदर्शन चक्र, जानें पौराणिक कथा
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पुराणों में ऐसी कई कथाएं देखने को मिलती हैं जिसमें भगवान विष्णु और शिव का वृतांत मिलता हैं। ऐसी ही एक पौराणिक कथा हैं जिसमें भगवान शिव ने विष्णु को सुदर्शन चक्र दिया था। क्या आप जानते हैं कि आखिर भगवान शिव ने ऐसा क्यों किया था। यह कथा बैकुंठ चतुर्दशी के दिन से जुड़ी हुई हैं। इस दिन भगवान विष्णु व शिव की पूजा करने का विधान है। पुराणों में इस व्रत से जुड़ी जो कथा है, वो इस प्रकार है।
एक बार भगवान विष्णु, शिवजी का पूजन करने के लिए काशी आए। यहां मणिकार्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार स्वर्ण कमल फूलों से भगवान शिव की पूजा का संकल्प लिया। अभिषेक के बाद जब भगवान विष्णु पूजन करने लगे तो शिवजी ने उनकी भक्ति की परीक्षा लेने के लिए एक कमल का फूल कम कर दिया। भगवान विष्णु को अपने संकल्प की पूर्ति के लिए एक हजार कमल के फूल चढ़ाने थे।
एक पुष्प की कमी देखकर उन्होंने सोचा कि मेरी आंखें ही कमल के समान हैं इसलिए मुझे कमलनयन और पुण्डरीकाक्ष कहा जाता है। एक कमल के फूल के स्थान पर मैं अपनी आँख ही चढ़ा देता हूं। ऐसा सोचकर भगवान विष्णु जैसे ही अपनी आँख भगवान शिव को चढ़ाने के लिए तैयार हुए, वैसे ही शिवजी प्रकट होकर बोले- हे विष्णु। तुम्हारे समान संसार में कोई दूसरा मेरा भक्त नहीं है।
आज की यह कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी अब से बैंकुठ चतुर्दशी के नाम से जानी जाएगी। इस दिन व्रत पूर्वक जो पहले आपका और बाद में मेरा पूजन करेगा और बैकुंठ लोक की प्राप्ति होगी। तब प्रसन्न होकर शिवजी ने भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र भी प्रदान किया और कहा कि यह चक्र राक्षसों का विनाश करने वाला होगा। तीनों लोकों में इसकी बराबरी करने वाला कोई अस्त्र नहीं होगा।
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