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धर्म-अध्यात्म
677 साल बाद कल बन रहा है खरीदारी का महामुहूर्त और महासंयोग, जानिए क्या है खास
Renuka Sahu
27 Oct 2021 3:50 AM GMT
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फाइल फोटो
जिस तरह शुभ मुहूर्त में की गई पूजा ही पूरा फल देती है, उसी तरह शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी सुख-समृद्धि लाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिस तरह शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में की गई पूजा (Puja) ही पूरा फल देती है, उसी तरह शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी (Shopping) सुख-समृद्धि लाती है. धर्म और ज्योतिष में गुरु-पुष्य नक्षत्र (Guru Pushya Nakshatra) को खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा शुभ माना गया है. इस बार दिवाली और धनतेरस से पहले ही खरीदारी का यह शुभ मुहूर्त पड़ रहा है. इस दिन खरीदी करने और निवेश करने से बहुत लाभ होता है. गुरु-पुष्य नक्षत्र कल (28 अक्टूबर 2021, गुरुवार) को पूरे दिन और रात तक रहेगा.
677 साल बाद बना ऐसा शुभ संयोग
कमाल की बात यह है कि कल न केवल गुरु-पुष्य नक्षत्र (Guru Pushya Nakshatra 2021) रहेगा बल्कि गुरु और शनि ग्रह एक ही राशि मकर में रहेंगे. ऐसा शुभ संयोग 677 साल बाद बना है. इसके अलावा कल गुरुवार भी है. गुरुवार के दिन का गुरु-पुष्य नक्षत्र रहना सबसे ज्यादा उत्तम होता है. इसके चलते 2 नंवबर को धनतेरस और 4 नवंबर को दिवाली से पहले ही खरीदी का बेहद शुभ मौका मिलेगा. इस दिन खरीदी करने के अलावा निवेश करना भी बहुत शुभ साबित होगा.
इसलिए बेहद शुभ होता है गुरु-पुष्य नक्षत्र
ज्योतिष में सभी 27 नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. पुष्य सभी अरिष्टों या संकटों का नाश करता है. इसलिए शुभ काम करने के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है. इस मुहूर्त में किए गए काम अन्य शुभ मुहूर्तों की तुलना में कई गुना ज्यादा फल देते हैं. हालांकि इस मुहूर्त में विवाह नहीं किया जाता है. बृहस्पति देव और प्रभु राम भी इसी नक्षत्र में पैदा हुए थे.
मान्यता है कि इस नक्षत्र में जन्मे लोग महान काम करते हैं और स्वभाव से बेहद दयालु, धार्मिक, धनी और कई कलाओं को जानने वाले होते हैं. वहीं इस पुष्य नक्षत्र में जन्मी लड़कियां अपने खानदान का नाम रोशन करती हैं. ऐसी लड़कियां बेहद सौभाग्यशाली, दयालु, धार्मिक, साहसी और बुद्धिमान होती हैं.
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