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धर्म-अध्यात्म
30 साल बाद इस राशि के लोगों पर पड़ेगी शनि की मार, राहत पाने के लिए अपनाएं ये उपाय
Rani Sahu
11 April 2022 5:45 PM GMT

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह का राशि परिवर्तन व्यक्ति के जीवन पर शुभ व अशुभ प्रभाव पड़ता है
Shani ki Sade Sati: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह का राशि परिवर्तन व्यक्ति के जीवन पर शुभ व अशुभ प्रभाव पड़ता है और हर ग्रह एक निश्चित अवधि पर गोचर करता है. (Shani Gochar 2022) शनि ग्रह सबसे धीमी चाल चलने वाले ग्रह हैं और वे ढाई साल में राशि बदलते हैं. जिसे ढैय्या या साढ़े साती कहा जाता है. शनि की बदली चाल कुछ राशियों के लिए शुभ होती है तो कुछ के लिए कष्टों भरी होती है. इस बार 29 अप्रैल को (Shani Sade Sati) शनि गोचर हो रहा है और वह अपनी ही राशि में प्रवेश करने वाले हैं.
न्याय के देवता है शनि
शनि देव कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता है और इसलिए उन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है. शनि को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में ढाई साल का समय लगता है. वह जिस राशि में गोचर करते हैं उस जातक के कर्मां के आधार पर फल मिलता है. शनि की महादशाओं के दौरान यदि स्थितियां नकारात्मक हों तो जातक का जीवन कष्टों से भर जाता है.
इन राशियों पर शुरू होगी साढ़ेसाती
29 अप्रैल को न्याय के देवता शनि देव अपनी राशि बदलने जा रहे हैं. वे 30 साल बाद अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे. कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. वहीं साढ़े साती झेल रहे धनु राशि वाले जातकों को इससे मुक्ति मिल जाएगी. वैसे तो शनि के गोचर का असर सभी राशियों पर पड़ेगा पर एक राशि के मीन राशि वाले जातकों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ेगा. इसके अलावा मकर राशि वालों वालों पर साढ़े साती का आखिरी चरण शुरू होगा, जबकि कुंभ राशि वालों पर साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू होगा.
इन उपायों को करने से मिलेगा लाभ
शनि की साढ़े साती जातकों को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक तौर पर काफी कष्ट देती है. ऐसे में आप कुछ उपाय कर इन कष्टों को कम कर सकते हैं. यहां हम आपको इन उपायों के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
प्रत्येक शनिवार को काली उड़द की दाल दान करें. यदि संभव हो तो उड़द की दाल से बनी कचौड़ी गरीबों में बांटें.
शनिवार के दिन काला कपड़ा, काले तिल और काले चने का दान करने से भी लाभ मिलता है.
शनिवार के दिन शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें तिल के दाने भी डालें.
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से आर्थिक व शारीकिर परेशानियां कम होती हैं.
शनि की साढ़े साती के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए और हनुमान चालीसा का भी पाठ करना चाहिए.

Rani Sahu
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