धर्म-अध्यात्म

14 साल बाद हरतालिका तीज पर बन रहा है विशिष्ट संयोग...जाने इसके पीछे का महत्व

Subhi
7 Sep 2021 2:43 AM GMT
14 साल बाद हरतालिका तीज पर बन रहा है विशिष्ट संयोग...जाने इसके पीछे का महत्व
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मनवांछित वर और अखण्ड़ सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं और कुवांरी लड़कियां निर्जला व्रत रखती हैं

मनवांछित वर और अखण्ड़ सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं और कुवांरी लड़कियां निर्जला व्रत रखती हैं और माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन करती हैं। हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस साल ये तिथि 09 सितंबर, दिन गुरूवार को पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल हरतालिका तीज पर एक अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है। ये संयोग 14 सालों बाद पड़ रहा है। आइए जानते हैं हरतालिका तीज के दिन बन रहे इस अद्भुत संयोग और इसके महत्व के बारे में....

हरतालिका तीज पर अद्भुत संयोग
ज्यतिष गणना के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत इस साल 09 सितंबर को पड़ रहा है। तृतिया तिथि 09 सितंबर को रात्रि काल में 02.34 बजे लग रही है जो कि 10 सितंबर को रात्रि 12.18 तक रहेगी। इसके साथ ही इस दिन चित्रा नक्षत्र और रवियोग बन रहा है जो कि अत्यंत शुभ और लाभदायी है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस संयोग का निर्माण हरतालिका तीज पर 14 साल बाद बन रहा है। हालांकि तीज के दिन पहले हस्त नक्षत्र है, इसके बाद चित्रा नक्षत्र पड़ रहा है। चित्रा नक्षत्र में रवि योग विशेष लाभकारी संयोग है।
रवियोग में पूजन का महत्व
ज्योतिषशास्त्र में रवि योग का विशेष स्थान है। रवियोग पर सूर्य का प्रभाव होने के कारण इसे ज्योतिष में बहुत ही प्रभावशाली और शुभ योग माना जाता है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य अनिष्ट और अशुभ फल दायक नहीं होता। रवियोग में किए गए जप तप और पूजन शुभकारी और विशिष्ट फलदायी होते हैं। हरतालिका तीज के दिन भर निर्जला व्रत रखते हुए, सांयकाल में भगवान शिव और माता पार्वती का गणेश जी के साथ पूजन करना चाहिए। इस दिन रात भर जागरण भगवान शिव और पार्वती के भजनों और मंत्रों का जाप करना सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है।



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