धर्म-अध्यात्म

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में चार स्थानों का जिक्र किया है जहां कभी नहीं रुकना चाहिए आपके जीवन पर पहुंच सकती है हानि

Tara Tandi
19 July 2022 4:57 AM GMT
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में चार स्थानों का जिक्र किया है जहां कभी नहीं रुकना चाहिए आपके जीवन पर पहुंच सकती है हानि
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रणनीतिकार और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रणनीतिकार और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की है। अपनी नीति शास्त्र में उन्होंने जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से बताया है। अपनी इन नीतियों के जरिए आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को जरूरी और कड़े संदेश भी दिए हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक चंद्रगुप्त को मधग का सम्राट बना दिया था। उन्होंने अपने नीतिशास्त्र में निजी जीवन, नौकरी, व्यापार, रिश्तें, मित्रता, शत्रु आदि जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए हैं। चाणक्य की नीतियों के जरिए कोई भी इंसान अपने जीवन को बेहतरीन बना सकता है। सिर्फ यही नहीं, आचार्य चाणक्य की नीतियां इतनी कारगर हैं आज भी व्यक्ति को किसी भी परेशानी या मुसीबत से निकलाने में मदद करती हैं। आचार्य ने इस ग्रंथ में जीवन की हर परिस्थिति का जिक्र किया है और उसको लेकर अपने अनुभव का निचोड़ सबके सामने रखा है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में चार स्थानों का जिक्र किया है जहां कभी भी नहीं रुकना चाहिए अन्यथा आपके जीवन पर हानि पहुंच सकती है।

हिंसा वाली जगह न रुकें
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र के माध्यम से उल्लेख किया है कि इस स्थान पर हिंसा भड़कती है, दंगे होते हैं, उस स्थान पर कभी नहीं रहना चाहिए। भीड़ उपद्रव में बेकाबू होती है, यह कभी भी हमला कर सकती है, ऐसे में जान बचाकर भाग जाना ही समझदारी है। अगर आप लंबे समय तक ऐसी जगह पर रहते हैं, तो जान का खतरा होता है। साथ ही आप कानूनी कार्यवाही में भी फंस सकते हैं।
आक्रमण वाले स्थान पर रुकें
आचार्य चाणक्य के अनुसार जब दूसरे राज्यों के राजा हमारे देश पर आक्रमण करते हैं तो ऐसे में वहां से चले जाना ही अच्छा होता है। नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है। आज के दौर में इसे इस तरह से समझ लें कि अगर हमारा दुश्मन हम पर हमला कर दे तो वहां से तुरंत भाग जाना ही बेहतर है क्योंकि बिना रणनीति के आप उसका सामना नहीं कर पाएंगे। ऐसे समय में दुश्मन पूरी तैयारी के साथ आता है। अगर जान बच जाती है, तो आप उससे फिर से मुकाबला कर सकते हैं।
जहां की अर्थव्यवस्था ठीक न हो
चाणक्य के नीतिशास्त्र के अनुसार उस जगह को छोड़ देना बेहतर है, जहां अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, जहां लोग खाने-पीने, रहने के संसाधनों के लिए तरस रहे हैं। लंबे समय तक ऐसी जगह पर रहने से खुद के साथ-साथ परिवार को भी नुकसान होता है।
जहां आपराधिक गतिविधि ज्यादा हो वहां न रुकें
चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई अपराधी आपके पास आकर खड़ा हो जाए तो उस जगह से हट जाना ही अच्छा है। इससे आपकी प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और छवि भी खराब हो सकती है।
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