धर्म-अध्यात्म

Achala Saptami 2022: जानें कब है अचला सप्तमी?

Ritisha Jaiswal
3 Feb 2022 12:58 PM GMT
Achala Saptami 2022: जानें कब है अचला सप्तमी?
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हिन्दू कैलेंडर के आधार पर माघ शुक्ल सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी का व्रत रखा जाता है.

हिन्दू कैलेंडर के आधार पर माघ शुक्ल सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी का व्रत रखा जाता है. इसे रथ सप्तमी (Ratha Saptami) या सूर्य जयंती (Surya Jayanti) भी कहते हैं. इस दिन सूर्य देव की पूजा करते हैं और उनको जल अर्पित करते हैं. ऐसा करने से रोग दूर होता है, धन-धान्य में वृद्धि होता है, पिता से संबंध बेहतर होते हैं और उनकी कृपा से संतान प्राप्ति भी होती है. कहा जाता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य देव अपने सात घोड़े वाले रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे और सृष्टि को प्रकाशित किया था. इस वजह से हर वर्ष माघ शुक्ल सप्तमी को अचला सप्तमी, रथ सप्तमी या सूर्य जयंती मनाते हैं. आइए जानते हैं कि इस वर्ष अचला सप्तमी कब है और पूजा मुहूर्त क्या है?

अचला सप्तमी 2022 पूजा मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के के अनुसार, माघ शुक्ल सप्तमी तिथि 07 फरवरी को प्रात: 04 बजकर 37 मिनट से शुरु हो रही है, जो 08 फरवरी को सुबह 06 बजकर 15 मिनट तक मान्य है. सूर्य देव का उदय 07 फरवरी को सप्तमी तिथि में हो रहा है, इस​लिए अचला सप्तमी 07 फरवरी दिन सोमवार को है.
अचला सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा के शुभ मुहूर्त प्रात: 05:22 बजे से लेकर प्रात: 07:06 बजे तक है. अचला सप्तमी को प्रात: स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल में लाल फूल, लाल चंदन, अक्षत्, चीनी आदि मिलाकर अर्पित करना चाहिए. इस दौरान ओम सूर्य देवाय नमः मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
अचला सप्तमी का महत्व
अचला सप्तमी को व्रत रखने और सूर्य देव की पूजा करने की परंपरा है. सूर्य देव को प्रसन्न करके आप उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं धन धान्य का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. सूर्य देव की कृपा से संतान की प्राप्ति भी होती है.
अचला सप्तमी के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. प्रभु श्रीराम सूर्य देव की पूजा के समय इसका पाठ करते थे. इस दिन सूर्य देव के मंत्रों का जाप भी प्रभावशाली माना जाता है.


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