धर्म-अध्यात्म

बेहद खास है अचला एकादशी 2022! जानें पूजा विधि और महत्व

Tulsi Rao
24 May 2022 8:56 AM GMT
बेहद खास है अचला एकादशी 2022! जानें पूजा विधि और महत्व
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Achala Ekadashi 2022, Apara Ekadashi 2022 Date Shubh Muhurat: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने 2 एकादशी पड़ती हैं. ये सभी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए श्रेष्ठ मानी जाती हैं. वहीं इनमें से कुछ एकादशी को विशेष दर्जा दिया गया है. इन्‍हीं में से एक है अचला एकादशी. यह ज्‍येष्‍ठ महीने में पड़ती है. अचला एकादशी का व्रत इतना महत्‍वपूर्ण है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्‍ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को यह व्रत करने और भगवान विष्‍णु-माता लक्ष्‍मी की पूजा करने की सलाह दी थी. यह व्रत करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि आती है.

बेहद खास है अचला एकादशी 2022
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला या अपरा एकादशी कहते हैं. इस बार एकादशी तिथि 25 मई, बुध‌वार की सुबह 10:32 से शुरू होगी जो 26 मई, गुरुवार की सुबह लगभग 10:54 तक रहेगी. चूंकि एकादशी की उदया तिथि 26 मई को है इसलिए इस दिन व्रत करना उत्‍तम फल देगा.
वहीं इस बार अचला एकादशी पर बेहद खास संयोग बन रहे हैं. इस दिन आयुष्‍मान योग और गजकेसरी योग बन रहे हैं. व्रत-उपवास, पूजा-पाठ और शुभ कार्य करने के लिए इन योग को बेहद शुभ माना गया है.
3 ग्रह रहेंगे एक राशि में
26 मई, अचला एकादशी के दिन मीन राशि में गुरु, चंद्रमा और मंगल जैसे 3 अहम ग्रह एक साथ मौजूद होंगे. यह त्रिग्रही योग गजकेसरी योग बनाता है, जिसे ज्‍योतिष में बेहद शुभ माना गया है. चूंकि यह योग मीन राशि में बन रहा है और मीन राशि के स्‍वामी बेहद शुभ माने जाने ग्रह देवगुरु बृहस्‍पति हैं, ऐसे में इस गजकेसरी योग का शुभ फल और भी बढ़ जाएगा. इसके अलावा इस दिन रेवती नक्षत्र भी है. यह नक्षत्र भी शुभ फल देता है. ऐसे में इस दिन भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की विधि-विधान और भक्ति भाव से पूजा करें.


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