धर्म-अध्यात्म

वास्तु के अनुसार किस मनोकामना को पूरी करने के लिए शिवजी का कौनसा स्वरूप कहां लगाएं,जानिए

Tara Tandi
23 July 2023 9:58 AM GMT
वास्तु के अनुसार किस मनोकामना को पूरी करने के लिए शिवजी का कौनसा स्वरूप कहां लगाएं,जानिए
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सावन का महीना जारी है और ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ श्रद्धा के साथ एक लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरी करते हैं। शिवजी की उपासना से सुख, शांति, आरोग्य और लाभ की प्राप्ति होती है और ग्रहदोष भी दूर होते हैं। सावन में शिव परिवार की पूजा से सुख और सौभाग्य के साथ वैवाहिक और संतान सुख की प्राप्ति होती है। भगवान शिव-पार्वती के साथ गणपति और कार्तिकेय की पूजा करने से धन-धान्य संबंधी हर समस्या दूर होती है। वास्तु की मान्यता है कि जिस घर में शिव परिवार की प्रतिमा या चित्र होता है। उस घर में वास्तु दोष नहीं रहता। उत्तर दिशा भगवान शिव की प्रिय दिशा है और इसी दिशा में भगवान शिव का निवास स्थल, यानी कैलाश पर्वत है इसीलिए घर में भी भगवान शिव की तस्वीर लगाने के लिए उत्तर दिशा का चुनाव करना चाहिए। इस दिशा में तस्वीर लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि किस कामना के लिए किस तरह का चित्र लगाएं।

रोग निवारण के लिए
रोग से मुक्ति पाने के लिए घर में भगवान शिव का ऐसा चित्र लगाना चाहिए जिसमें वह एक अष्टांग मुद्रा में हों। यानी एक टांग पर खड़े हों और त्रिनेत्र के साथ उनके चार हाथ में डमरू और त्रिशूल भी हो। शिवजी के ऐसे स्वरुप के चित्र को उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना गया है।
दांपत्य जीवन में सुख के लिए
सावन में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली होती है। इसके लिए घर में भगवान शिव और माता पार्वती की ऐसी प्रतिमा या तस्वीर लगानी चाहिए, जिसमें वह प्रसन्न मुद्रा में बैल पर विराजित हों। साथ ही अर्धनारीश्वर रूप की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
विद्या प्राप्ति के लिए
विद्यार्थियों को अपने अध्यन कक्ष की उत्तर दिशा में भगवान शिव के उपदेश देने वाली प्रतिमा या तस्वीर लगानी चाहिए। भगवान के इस स्वरूप की पूजा से ज्ञान और विद्या का आशीर्वाद मिलता है
यश-कीर्ति के लिए
मनुष्य को अपनी प्रतिष्ठा और मान सम्मान को बनाए रखने के लिए शिवजी की उस प्रतिमा या तस्वीर की पूजा करनी चाहिए जिसमें वह नंदी और देवी पार्वती के साथ अपने समस्त गणों के साथ हों।
सभी सुखों की प्राप्ति के लिए
भगवान शंकर जिस चित्र में देवी पार्वती के साथ नृत्य करते हुए दिख रहे हों, ऐसे चित्र को लगाने से मनुष्य को जीवन के हर सुख की प्राप्ति होती है।
मानसिक शांति के लिए
बहुत ज्यादा तनाव रहता हो,मन बहुत अशांत रहता हो तो इस समस्या को दूर करने के लिए भगवान शिव के ऐसे चित्र को उत्तर दिशा में लगाना चाहिए जिसमें शिवजी ध्यान मुद्रा में हों, शीश पर चन्द्रमा एवं जटाओं से गंगा बह रही हो।
इन बातों का रखें ध्यान
शिवजी की पूजा-आराधना में पवित्रता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है अतः भूलकर भी इनकी प्रतिमा या चित्र को दंपत्ति वाले शयन कक्ष में न लगाएं। सीढ़ियों क़े नीचे, रसोईघर या अन्य किसी अपवित्र स्थान पर भी इनका चित्र नहीं लगाना चाहिए अन्यथा अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। शिवजी के क्रोधित स्वरूप को घर में रखने से बचना चाहिए। महादेव का क्रोधित स्वरूप रखने से घर में अशांति बढ़ सकती है। जिस फोटो में शिवजी तांडव कर रहे हैं, वह फोटो भी घर में नहीं रखनी चाहिए।
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