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धर्म-अध्यात्म
वास्तु शास्त्र के अनुसार : दशहरे के दिन अपराजिता पूजन का विशेष महत्व
Bharti sahu
15 Oct 2021 6:40 AM GMT
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वास्तु शास्त्र के अनुसार दशहरे के दिन अपराजिता देवी की पूजा की जाती है। इसके लिए दोपहर बाद ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में जाकर साफ-सुथरी भूमि पर गोबर से लीपना चाहिए
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वास्तु शास्त्र के अनुसार दशहरे के दिन अपराजिता देवी की पूजा की जाती है। इसके लिए दोपहर बाद ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में जाकर साफ-सुथरी भूमि पर गोबर से लीपना चाहिए और उसी जगह पर चंदन से आठ पत्तियों वाला कमल का फूल बनाना चाहिए। इस आकृति के बीच में अपराजिता देवी की पूजा करनी चाहिए। जबकि आकृति के दाहिनी ओर जया की पूजा करनी चाहिए और बायीं ओर विजया की पूजा करनी चाहिए।
वहीं शमी पूजा की बात करें तो इसके लिए गांव के बाहर उत्तर-पूर्व दिशा में शमी के पौधे की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से बाहरयात्राओं में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती। आप चाहें तो घर के बाहर शमी का पौधा लगा भी सकते हैं। इससे निगेटिव एनर्जी घर के अन्दर नहीं आ पाएगी।
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