धर्म-अध्यात्म

वास्तु उपाय के अनुसार ऐसे कर सकते हैं पितरों को प्रसन्न

Gulabi
24 Sep 2021 11:44 AM GMT
वास्तु उपाय के अनुसार ऐसे कर सकते हैं पितरों को प्रसन्न
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पितृ पक्ष शुरू हो चुके हैं और इन दिनों पितरों को याद कर श्राद्ध कर्म तथा तर्पण विधि की जाती है

पितरों को प्रसन्न करने के वास्तु के उपाय: पितृ पक्ष शुरू हो चुके हैं और इन दिनों पितरों को याद कर श्राद्ध कर्म तथा तर्पण विधि की जाती है। शास्त्रों में पितरों को देवताओं के समान पूजनीय बताया गया है। जब ये खुश होते हैं तो देवताओं की तरह सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और जब ये नाराज होते हैं तो जीवन में कई तरह की परेशानियों और पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र में ऐसी कुछ बातें बताई गई है, जिनके करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद बना रहता है। अगर पितृ पक्ष खत्म भी हो जाएं तो भी इन चीजों को नहीं भूलना चाहिए। आइए जानते हैं वास्तु के ऐसे कौन से उपाय हैं, जिससे पितर प्रसन्न होते हैं…

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीरों को जहां आप सोते हों यानी बेडरूम में भूलकर भी न लगाएं। साथ ही आप पूजाघर या किचन में भी पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। वास्तु में ऐसी जगहों पर पितरों की तस्वीर लगाना वर्जित बताया गया है, इन जगह तस्वीर लगाने से देव दोष लगता है और देवता भी नाराज होते हैं। ऐसा करने से घर में पारिवारिक कलह बढ़ जाती है और सुख-समृद्धि में भी कमी आती है।
पितरों की तस्वीर घर में दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए यानी कि पितरों का मुख दक्षिण दिशा में होना चाहिए। दक्षिण दिशा को यम और पितरों की दिशा बताया गया है। साथ ही आप ऐसी जगह तस्वीर न लगाएं, जहां आते-जाते आपकी नजर इन पर जाए।
पितृपक्ष के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर का मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। हर रोज मुख्य द्वार पर जल देना चाहिए, जैसे कि आप उनकी अगुवाई कर रहे हों। वहीं शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि दक्षिण की तरफ ही पितरों का लोक है। इस दिशा में दीपक जलाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और उनके आशीर्वाद से धन-धान्य की कमी नहीं होती। साथ ही घर के सदस्य प्रगति करते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें क्योंकि इस समय पितर पृथ्वी पर अपने परिजनों से मिलने आते हैं। इसलिए घर में अगर कूड़ा-कबाड़ कहीं पड़ा हुआ है तो उसे सही तरह से व्यवस्थित रखें या फिर उसको कूड़ेदान में डाल दें। वहीं जब आप भोजन करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि खाना खाने के तुरंत बाद उस जगह को साफ कर दें, उसको जूठा न झोड़ें। ऐसा करने से पितरों की हमेशा कृपा बनी रहती है और हर कार्य उनकी कृपा से पूरे हो जाते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष में ब्राह्मण भोज करवाने से पहले उनको आदर-सत्कार के साथ घर में भोजन करने का निमंत्रण दें और आमंत्रित ब्राह्मण को भोजन के लिए दक्षिण दिशा की तरफ बैठाएं क्योंकि पिर्त कर्मों के लिए दक्षिण दिशा की ही प्रावधान है। इसके अलावा ब्राह्मण को लकड़ी, कुश या ऊन के आसन पर ही बैठाएं। फिर यथाशक्ति दान देकर उनके चरण स्पर्श करें। यह भी ध्यान रखें कि ब्राह्मण भोज के लिए लोहे के बर्तनों का प्रयोग न करें। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन में तरक्की आती है।
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