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धर्म-अध्यात्म
शास्त्रों के अनुसार एक थाली में भोजन करना है मनाही, जानिए क्या है वजह
Manish Sahu
18 July 2023 10:04 AM GMT
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धर्म अध्यात्म: आमतौर पर मित्रों रिश्तेदारों के साथ एक साथ भोजन करना अच्छा माना जाता है। आप में से कई लोगों ने कई मौकों पर एक थाली में ही भोजन किया होगा। कहते हैं एक थाली में खाने से प्यार बढ़ता है। इस वजह से पति- पत्नी भी एक ही थाली में भोजन कर लेते हैं। मगर ज्योतिष इसे अच्छा नहीं मानता है। साथ भोजन करने से नुकसान भी हो सकता है। आइये जानते हैं क्या कहता है ज्योतिष इस बारे में। पुण्य का भागीदार बनाने के लिए मां खिलाती है जूठा एकादशी या कोई और व्रत करने के उपरांत अगले दिन प्रातः काल पारण किया जाता है तो कई बार माँ अपने बच्चों को जूठन खिला देती है। इसके पीछे मान्यता है कि व्रत से मिला पुण्य बच्चों को भी मिल जाए। ये तो माँ और बच्चो के बीच की बात है। लेकिन क्या सामान्य दिनों में ऐसा दूसरों के साथ करना उचित होगा? ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति की अपनी आभा होती है और उसके संपर्क में रहने वाले उससे प्रभावित होते हैं।
पाप-पुण्य के हिस्सेदार आप जिसके साथ एक ही थाली में भोजन शेयर कर रहे हैं, अगर उस व्यक्ति का बुरा दिन चल रहा है तो हो सकता है कि उसके दुर्भाग्य का थोडा हिस्सा आपके पास भी चला आये। इसके उलट सामने वाले का सौभाग्य का भी हिस्सा आ सकता है।
जब आप साथ भोजन करते हैं तो उसके हिस्से का पाप भी आ सकता है और पुण्य भी। सेहत को लेकर तुला राशि वाले ना करें आज लापरवाही, मकर राशि की भी बढ़ेगी मुश्किलें संत नहीं खाते एक थाली में खाना बड़े बड़े संत या धर्म गुरु कभी एक साथ भोजन नहीं करते हैं। अगर इन्हें कुछ शेयर करना ही हो तो अपनी थाली से निकाल कर दूसरे की थाली में रख देते हैं। ये एक थाली में साथ में भोजन नहीं करते हैं। भीष्म पितामह भी मानते थे इसे गलत भीष्म पितामह ने मनुष्य के लिए आदर्श जीवन जीने के लिए कई बातें साझा की। उनके अनुसार परिवार के सभी सदस्यों का आपने स्थान और अपनी जिम्मेदारियां हैं। सबको एक दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों को याद रखना चाहिए। यदि पति और पत्नी एक ही थाली में भोजन करेंगे तो पीटीआई का प्रेम पत्नी के लिए बढ़ेगा। परिवार के अन्य सदस्यों की तुलना में पत्नी से ज्यादा प्रेम मनुष्य को उसकी जिम्मेदारियों से विमुख कर सकता है। इससे घर में कलह की स्थिति भी पैदा हो सकती है। इस वजह से महान योद्धा भीष्म पितामह ने एक साथ एक ही थाली में भोजन करने से परहेज करने की सलाह दी।
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