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आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार लोगो को इन 2 मामलों में, जानें क्यों नहीं करनी चाहिए जल्दबाजी
जनता से रिश्ता बेवङेस्क| चाणक्य एक श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ साथ एक कुशल अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री भी थे. चाणक्य ने मनुष्य को प्रभावित करने वाली प्रत्येक चीज का गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को महत्वपूर्ण कार्यों में कभी भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से काम बिगड़ भी सकता है और नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए जब भी कोई बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य करें तो बहुत सावधानी बरतें, लोग जब इस बात को भूल जाते हैं तो उन्हें हानि ही नहीं बल्कि अपयश भी उठाना पड़ जाता है. इसलिए चाणक्य की इन बातों को जरूर जान लें.
व्यापार में बड़े निर्णय लेने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति जब पूरा जीवन दांव पर लगाकर कोई कार्य करता है तो उसे बहुत फूंक फूंक कर कदम आगे बढ़ाना चाहिए. कारोबार को स्थापित करने में व्यक्ति वर्षों लग जाते हैं. कई सालों की मेहनत और संघर्ष के बाद कोई कारोबार खड़ा होता है. जिस चीज में खून पसीना और कई सालों का श्रम लगा हो तो उससे जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय में किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. इसलिए सभी बिंदुओं पर अच्छे ढंग से सोस विचार के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए.
रिश्ते बनाते समय अच्छे ढंग से विचार करना चाहिए
चाणक्य के अनुसार कभी कभी व्यक्ति संबंध बनाने में बहुत जल्दबाजी कर देता है, जिस कारण उसे नुकसान भी उठाना पड़ जाता है. इसलिए नए रिश्ते और मित्रता करते समय बहुत सोच समझ कर हाथ आगे बढ़ाना चाहिए. कभी कभी कोई व्यक्ति बहुत जल्दी अच्छा लगने लगता है. इसी दौरान आप आगे बढ जाते हैं और बाद में सच्चाई पता चलती है तो पछताना पड़ता है. इसलिए इन मामलों में कभी भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
चाणक्य एक श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ साथ एक कुशल अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री भी थे.चाणक्य एक श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ साथ एक कुशल अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री भी थे चाणक्य एक श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ साथ एक कुशल अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री भी थे.