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धर्म-अध्यात्म
शिव पुराण के अनुसार बेलपत्र चढाने के क्या है नियम
Apurva Srivastav
13 July 2023 1:22 PM GMT
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शिव पूजा अर्चना को समर्पित सावन का महीना आरंभ हो चुका हैं और इस दौरान भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा करते हैं साथ ही उपवास आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से शिव कृपा प्राप्त होती हैं सावन के महीने में शिव के प्रिय बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
ऐसे में हर कोई इस दौरान भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाता हैं लेकिन शास्त्रों में बेलपत्र से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं जिनकी अनदेखी शिव के आशीर्वाद से भक्तों को वंछित कर देती हैं साथ ही साथ व्यक्ति को हर कदम पर परेशानी उठानी पड़ सकती हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बेलपत्र से जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं।
बेलपत्र से जुड़े नियम—
शिव पुराण के अनुसार बेलपत्र को कभी भी सोमवार, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी या अमावस्या तिथि पर भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए। अगर आपको पूजा के लिए बेलपत्र चाहिए तो इसे एक दिन पहले ही तोड़कर रखना उचित होगा। इसके अलावा बेलपत्र को कभी भी टहनी के साथ नहीं तोड़ना चाहिए। हमेशा तीन पत्तियों की डंठल को तोड़कर ही शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।
ऐसा करने से शिव कृपा प्राप्त होती हैं वही इसके अलावा शिव को बेलपत्र 3 से लेकर 11 की संख्या में अर्पित करना चाहिए इसे शुभ माना जाता हैं इसी के साथ बेलपत्र अर्पित करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र का चिकना हिस्सा शिवलिंग पर रहें। शास्त्र अनुसार बेलपत्र कभी बासी नहीं होता हैं ऐसे में अगर आपके पास बेलपत्र नहीं हैं तो आप किसी दूसरे का चढ़ाया हुआ बेलपत्र भी धोकर शिव को अर्पित कर सकते हैं। भूलकर भी शिव पर कटा फटा बेलपत्र ना अर्पित करें। ऐसा करने से पूजन का फल प्राप्त नहीं होता हैं।
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