धर्म-अध्यात्म

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन मास में प्रत्येक मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है

Neha Dani
11 July 2023 8:57 AM GMT
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन मास में प्रत्येक मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है
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धर्म अध्यात्म : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन मास में प्रत्येक मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है। मंगला गौरी व्रत रखने से अखंड सुहाग, संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा आदि का आशीर्वाद प्राप्त होता है एवं परिवार में सुख-समृद्धि आती है। मां मंगला गौरी देवी दुर्गा माता पार्वती का ही मंगलकारी स्वरूप है। इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के नाम से भी जाना जाता है। दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई, मंगलवार के दिन रखा जा रहा है। इस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है और इस दिन पर चार अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन पर सुकर्मा और धृति योग बन रहे हैं। साथ ही इस विशेष दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से महिलाएं रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने इसी व्रत का पालन कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था और उन्हें पति के रूप में प्राप्त किया था। इसलिए माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है, इसके साथ जीवन में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि मंगला गौरी व्रत रखने से पति को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत को करने से दाम्पत्य जीवन में कोई भी समस्या हो तो वह दूर हो जाती है।
सावन मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुभ रंगों के कपड़े पहनें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें एवं पूजा के लिए एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। मां पार्वती को लाल रंग के वस्त्र और सुहाग का सामान अर्पित करते हुए विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद घी का दीपक जलाएं एवं आरती करें इस बात ध्यान रखें कि पूजा के लिए सभी सामग्रियों जैसे पान, सुपारी, लौंग, इलायची, फल, पान, लड्डू सुहाग की सामग्री और चूड़ियां आदि की संख्या 16 होनी चाहिए। पूजा सामग्रियों को अर्पित करने के बाद मंगला गौरी की व्रत कथा सुनें। पूजा के बाद पति की लंबी आयु और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना करें। यह दोनों मंत्र मंगला गौरी देवी से संबंधित हैं इन दोनों मंत्रों में से किसी एक मंत्र का सही विधि द्वारा जाप करके मंगला देवी को प्रसन्न किया जा सकता हैं।मंगला गौरी मंत्र का जाप करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और सुहागन महिला के पति की आयु लंबी होती है साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
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