धर्म-अध्यात्म

हिन्दू शास्त्र के अनुशार भूलकर भी न पहने मृत व्यक्ति की ये चीज़े

Kajal Dubey
25 Feb 2023 3:50 PM GMT
हिन्दू शास्त्र के अनुशार भूलकर भी न पहने मृत व्यक्ति की ये चीज़े
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फाइल फोटो 
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी भी मृत व्यक्ति की आत्मा मोह नहीं त्यागती
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जीवन मरण इस संसार का अभिन्न नियम है, यह बात गरुड़ पुराण में भी विस्तार से बताई गई है। हिंदू धर्म में परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद घर में गरुड़ पुराण का पाठ निश्चित रूप से किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गरुड़ पुराण में मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग बताया गया है। सनातन धर्म में गरुड़ पुराण को भगवान श्री विष्णु का साक्षात स्वरूप माना जाता है।
गरुड़ पुराण में सफल जीवन के रहस्य और मृत्यु के रहस्य को विस्तार से बताया गया है। साथ ही इसमें कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनका पालन निश्चित रूप से किया जाना चाहिए। गरुड़ पुराण के इस भाग में आज हम बात करेंगे कि व्यक्ति को परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद उनकी किन तीन चीजों को धारण नहीं करना चाहिए।
ना पहने करें घड़ी या कलाई पर बांधने वाली कोई अन्य चीज
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद उनके द्वारा कलाई पर पहनी गई किसी भी चीज को धारण नहीं करना चाहिए। आज के समय में कलाई पर पहने जाने वाली चीजों में घड़ी या कड़ा सबसे सामान्य है। इसलिए इन दोनों चीजों को ना पहनें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है और व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
न करें मृत व्यक्ति के वस्त्र धारण
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी भी मृत व्यक्ति की आत्मा मोह नहीं त्यागती गरुड़ पुराण के अनुसार किसी भी मृत व्यक्ति की आत्मा मोह नहीं त्यागती है। ऐसे में उनके कपड़े को पहन लेने से उनके मोक्ष प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद उनके वस्त्रों को दान कर दें। ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ना करें गहने या आभूषण को धारण
महापुराण में बताया गया है कि किसी मृत व्यक्ति के आभूषण धारण नहीं करने चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इन आभूषणों में उनकी आत्मा जुड़ जाती है। इसलिए यदि आप ऐसा करना भी चाहते हैं तो उनमें अपनी तरफ से कुछ बदलाव अवश्य करवा लें। यदि मृतक ने बीते समय में इन आभूषणों को उपहार के रूप में आपको दिया है, तब ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है और इसे शुभ माना जाता है।
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