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धर्म-अध्यात्म
चाणक्य के अनुसार ये आदतें के कारण बनती हैं आर्थिक तंगी, आप भी न करें ये गलती
Rani Sahu
6 Feb 2022 12:48 PM GMT
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कौटिल्य के नाम से पहचाने जाने वाले आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) को एक लाइफ कोच भी कहते हैं
कौटिल्य के नाम से पहचाने जाने वाले आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) को एक लाइफ कोच भी कहते हैं. उनकी नीतियों को दुनियाभर में पसंद ही नहीं अपनाया भी जाता है. कहा जाता है कि उनकी नीतियों का प्रभाव इतना ज्यादा था कि नंद वंश का नाश भी इन्हीं से हुआ था. इतना ही नहीं चाणक्य की नीति और रणनीति के आधार पर ही साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) ने मगध पर राज किया था. चाणक्य को केवल राजनीति ही नहीं समाज (Society) के भी हर एक विषय की गहराई से जानकारी और परख थी. आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना भी की है, जिसमें उन्होंने समाज के लगभग हर एक विषयों से संबंधित जरूरी बातों का जिक्र किया है.
आचार्य चाणक्य ने जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए अपने ग्रंथ में आर्थिक तंगी से जुड़ी कुछ विशेष बातों का जिक्र भी किया है. उन्होंने ऐसी आदतों को छोड़ने की सलाह दी है, जो आर्थिक तंगी का कारण बन सकती हैं. जानें इनके बारे में
आय से ज्यादा खर्च
चाणक्य के अनुसार हम सभी को अपनी आमदनी के मुताबिक ही खर्चे करने चाहिए. अक्सर लोग अपनी आय से ज्यादा खर्चा करना शुरू कर देते हैं. उनकी इस आदत के कारण उन्हें एक समय पर आर्थिक तंगी के हालातों का सामना करना पड़ सकता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पैसा जमा करना चाहिए, क्योंकि यहीं एक समय पर काम आता है.
धन को कभी बर्बाद न करें
चाणक्य नीति के अनुसार धन की देवी मां लक्ष्मी है. लक्ष्मी जी चंचल स्वभाव की होती हैं. वे कभी एक स्थान पर टिक कर नहीं रहतीं. यदि मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन की प्राप्ति हुई है तो उस धन को बर्बाद नहीं करना चाहिए. किसी भी साधन का गलत ढंग से प्रयोग करने से उसका अस्तित्व समाप्त होने लगता है.
आर्थिक तंगी का जिक्र
कई बार लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है और वे अपनी इस परेशानी को लोगों के साथ साझा करने की भूल कर देते हैं. चाणक्य के अनुसार कभी अपनी आर्थिक तंगी की चर्चा जीवन साथी के अलावा किसी से नहीं करनी चाहिए. उनके मुताबिक ऐसा करने से आर्थिक तंगी और भी ज्यादा प्रभावित कर सकती है. एक बुद्धिमान व्यक्ति वित्तीय संकट को सीक्रेट ही रखता है.
देर से उठना
कई लोगों को सुबह देर से उठने की आदत होती है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक देर से उठने से भी आर्थिक तंगी के आसार बनते हैं. कहते हैं कि देर तक सो कर उठने से नाकारत्कता आती है और दिनभर किन्हीं कारणों से मन शांत नहीं रहता है. इसलिए कोशिश करें कि जल्दी उठें. अगर ये रोजाना संभव नहीं है, तो हफ्ते में कम से कम तीन बार तो सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें.
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