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इंसान को अपने जीवन में सफलता पाने के लिए कड़ा परिश्रम करना पड़ता हैं। बिना परिश्रम इंसान का जीवन संघर्ष से घिरा रहता है और हर क्षेत्र में असफलता मिलती रहती है। चाणक्य ने कहा है कि सफल होने और महान बनने में काफी अंतर होता है।
महान बनना सफल होने से बहुत ज्यादा मुश्किल कार्य है। अपने जीवन में महानता वहीं लोग हासिल करते हैं जो चारों ओर तरक्की करते हैं। अपने देखा ही होगा जो महान व्यक्ति होते हैं उनकी सरहाना उनके दुनिया से जाने के बाद भी होती है। पीढ़ी दर पीढ़ी उनके उदाहरण दिए जाते हैं।
वहीं लोगों के लिए आदर्श बनते हैं। आचार्य चाणक्य नीति के मुताबिक तरक्की अपने जीवन में हर इंसान पा सकता है, लेकिन उनकी कुछ आदतें रास्ते की बाधा बनती है। अगर इंसान अपनी इन आदतों को नहीं छोड़ते है तो वह कभी भी महान नहीं बन सकता है। इनसे दूर रहने वाले लोग ही महानता की सूचि में आते हैं। जानिए क्या है ये बुरी आदतें
बुराई और बुरी संगत
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग बुरी संगत में रहते है वे अपने जीवन में कभी महान नहीं बन सकते है। बुरी संगत व्यक्ति को पराजय के रास्ते पर ले जाती है। इसके साथ ही दूसरों की बुराई करने वाला इंसान कभी सम्मान का पात्र नहीं बन पाता। बुराई करना भी बुरे कामों की सूचि में आता है। बुराई ऐसे इंसान ही करते है जो दूसरे लोगों को ईर्ष्या, द्वेष की भावना से देखता है। अहंकार से भरा हुआ इंसान अपने जीवन में तरक्की नहीं कर सकता। अहंकार व्यक्ति की तरक्की की राह में बाधा बनता हैं।
धन का गलत उपयोग
चाणक्य नीति में कहा गया है कि जो लोग अपने धन को गलत कार्यों में लगाता है और दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए जो पैसों का गलत तरीके से इस्तेमाल करता है। ऐसा इंसान कभी जीवम में तरक्की नहीं कर सकता है। दूसरे लोगों की नजरों में ऐसे इंसान की छवि छल और कपट करने वाली बन जाती है। मां लक्ष्मी भी ऐसे लोगों के घर में कभी प्रवेश नहीं करते।
गुस्सा और लालच
गुस्सा इंसान के जीवन को नष्ट कर देता है। पल भर के गुस्से से इंसान अपना सबकुछ खो बैठता है। इसके साथ ही लालच की आग भी इंसान के जलाकर राख कर देती है, क्योंकि लालच और मोह में व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को भूल जाता है। जिसकी वजह हर काम में वह असफल होता है। अगर इंसान इस आदत का छोड़ दें तो अपने जीवन में बुलंदियों को छू सकता हैं।
भेदभाव
जो लोग भेदभाव करते है उनका जीवन कभी सफल और सुखी नहीं रहता है। चाणक्य ने कहा है कि जो लोग भेदभाव की भावना नहीं रखते वह सदा सुखी और सफल बनते हैं। भेदभाव करने की आदत इंसान में अभिमान का भाव पैदा करती है और वह कभी अपने जीवन में संतुष्ट नहीं रह पाता।
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Apurva Srivastav
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