धर्म-अध्यात्म

चाणक्य के अनुसार बेशर्म की तरह मर्दों और औरतों को करने चाहिए ये चार काम

Manish Sahu
18 July 2023 9:54 AM GMT
चाणक्य के अनुसार बेशर्म की तरह मर्दों और औरतों को करने चाहिए ये चार काम
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धर्म अध्यात्म: आचार्य चाणक्य ने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई सारे उपाय और सुझाव दिए। उन्होंने ना केवल राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था से संबंधित नीतियों को लिखा बल्कि पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन से भी जुड़े कई सारे सफलता के नियम बताएं। अपनी रचना चाणक्य नीति में आचार्य 4 ऐसी बातों का विवरण देते हैं जो पुरुष और स्त्रियों को अपने जीवन में बिना किसी शर्म के करनी चाहिए। चलिए जानते हैं कौन सी वह चार बातें जो चाणक्य सभो को करने की सलाह देते हैं- धन कमाने में न करें कोई शर्म अच्छे, आरामदायक और सुखी जीवन के लिए धन की आवश्यकता होती है।
हमारी लगभग सभी ज़रूरतें धन से कहीं न कहीं जुड़ी हुई होती है। हर व्यक्ति जीवन में भिन्न भिन्न तरह के कार्य करता है ताकि वह अपनी ज़रूरतों के अनुसार धन कमा सके। चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को धन कमाने के लिए किसी भी कार्य को करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए। अनैतिक कार्यों के अलावा ऐसे कोई भी कार्य जिसके बदले धन प्राप्त हो, व्यक्ति को करने में शर्म नहीं आनी चाहिए। पत्नी करती हो कितना भी प्यार लेकिन उनकी इन 6 आदतों से पति हमेशा रहते हैं उधार में दिए अपने पैसों को मांगने में न हिचकिचाएं ऐसा कई व्यक्तियों में देखा गया है कि वे किसी को उधार में दिए गये अपने सामान और पैसों को वापिस मांगने में बहुत हिचकिचाते हैं। इस व्यवहार के कारण उनको बहुत नुकसान उठाना पड़ता है इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि उधार में दिए गए अपने पैसों को समय पर बिना किसी शर्म के मांगना चाहिए।
जो हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। वे हमारे जिंदगी को ठीक प्रकार से समझते हैं और उसके अनुसार ही हमें जीवन में बेहतर करने के लिए शिक्षा भी प्रदान करते हैं। इसलिए अपने गुरु या अध्यापक से किसी भी प्रकार की शर्म नहीं करनी चाहिए। अपने जीवन के सभी आयामों को गुरु के सामने खोलकर उनसे शिक्षा लेनी चाहिए। खाने के लिए ना करें शर्म इंसान अपनी भूख के लिए ही सभी काम करता है। अपना और अपने परिवार का पेट पालना किसी भी व्यक्ति की पहली प्राथमिकता होती है। कई बार ऐसा होता है जब आप सार्वजनिक स्थान पर होते हैं या यात्रा कर रहे होते हैं, तब कुछ लोग खाना खाने में शर्म करते हैं। आचार्य का मानना है कि व्यक्ति को भूख लगने पर भोजन ग्रहण कर लेना चाहिए, अन्यथा वह दिन भर भूखा रह सकता है। खाना खाने में किसी भी प्रकार की शर्म नहीं करनी चाहिए।
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