धर्म-अध्यात्म

मासिक शिवरात्रि का मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में

Ritisha Jaiswal
21 Jun 2022 3:09 PM GMT
मासिक शिवरात्रि का मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में
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आषाढ़ मास में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि तो मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस माह मासिक शिवरात्रि 27 जून 2022, सोमवार को पड़ रही है। इस बार सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि प्रत्येक माह में पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से दुख, दरिद्रता और दोष से छुटकारा मिल जाता है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं आषाढ़ मास में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

मासिक शिवरात्रि तिथि और शुभ मुहूर्त
मासिक शिवरात्रि तिथि- 27 जून 2022, सोमवार
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 27 जून, सोमवार को तड़के 03 बजकर 25 मिनट पर शुरू
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त- 28 जून, मंगलवार को सुबह 05 बजकर 52 मिनट तक
उदया तिथि के आधार पर मासिक शिवरात्रि का व्रत 27 जून, दिन सोमवार को रखा जाएगा।
रोहिणी नक्षत्र- 26 जून दोपहर 1 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 27 जून शाम 4 बजकर 2 मिनट तक।
मार्गशीर्ष नक्षत्र- 27 जून शाम 4 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 28 जून शाम 7 बजकर 5 मिनट तक।
मासिक शिवरात्रि का पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधिवत पूजा करें।
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ-सुथरे कपड़े पहन लें।
इसके बाद अगर आप व्रत रख रहे हैं, को शिव जी का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।
दिनभर भगवान शिव के मंत्र 'ऊं नम: शिवाय:' का जाप करते रहें।
अब घर में ही भगवान शिव की विधिवत पूजा करें।
भगवान शिव को फूल, माला, सफेद, चंदन, अक्षत आदि चढ़ाने के साथ कुछ मीठे का भोग लगा लें।
घी का दीपक और धूप जलाकर शिव चालीसा, शिव मंत्रों का जाप करके आरती कर लें।
आप चाहे तो इस दिन मंदिर जाकर शिवलिंग का दूध अभिषेक या फिर जलाभिषेक कर सकते हैं।
शिवलिंग में गंगाजल, दूध, शक्कर, दही, शहद आदि डालकर अभिषेक करें।
इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल आदि चढ़ा दें।
अब शिवलिंग में चंदन, अक्षत आदि चढ़ाएं।
अंत में भोग लगाने के साथ धूप-दीपक करके भगवान शिव का आशीर्वाद ले लें।


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