धर्म-अध्यात्म

Janmashtami पर बना द्वापर जैसा दुर्लभ संयोग का योग, पूरी होगी इच्छा

Tara Tandi
26 Aug 2024 8:05 AM GMT
Janmashtami पर बना द्वापर जैसा दुर्लभ संयोग का योग, पूरी होगी इच्छा
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Janmashtamiज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी को बहुत ही खास माना गया है जो कि भगवान कृष्ण की साधना आराधना को समर्पित दिन होता है इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना और व्रत का विधान होता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से प्रभु की कृपा बरसती है पंचांग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 26 अगस्त दिन सोमवार यानी आज देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी शुभ दिन पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इस साल की जन्माष्टमी कई मायनों में बेहद खास होने जा रही है इसके पीछे का सबसे मुख्य कारण इसका शुभ समय है। इस साल जन्माष्टमी पर वही योग बन रहा है जो द्वापर युग में भगवान कृष्ण के जन्म के समय बने थे। इस लिहाज से भी इस साल की जन्माष्टमी खास है और इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से भक्तों को बहुत लाभ प्राप्त होगा।
कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा का समय—

हिंदू धर्म में जन्माष्टमी की तिथि और योग का विशेष महत्व होता है। यह जन्माष्टमी पूजा का समय 27 अगस्त को सुबह 11 बजकर 59 मिन ट से आरंभ हो रहा है और जो कि दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस बार पूजा की कुल अवधि 44 मिनट होगी। वही रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से आरंभ हो रहा है और यह 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।
आपको बता दें कि इस साल जन्माष्टमी पर वही शुभ संयोग बन रहा है जो कि द्वापर युग में बाल गोपाल के जन्म के समय बना था। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसके अलावा सूर्य सिंह राशि में और चंद्रमा वृषभ राशि में है और ऐसी ही स्थिति श्री कृष्ण के जन्म के समय भी बनी हुई थी। जैसे इस बार बन रही है।
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