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धर्म-अध्यात्म
मोमबत्ती के लिए वास्तु में एक दिशा तय की गई है। तो जानिए सही दिशा और रंग के बारे में
Neha Dani
12 July 2023 12:31 PM GMT
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धर्म अध्यात्म: वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में कैंडलस लगाने के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में पीले रंग की कैंडलस लगाना अच्छा माना जाता है। दरअसल, नैऋत्य कोण का संबंध पृथ्वी तत्व से है और पृथ्वी का संबंध पीले रंग से है। अतः नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में पीले रंग की कैंडलस का इस्तेमाल करना चाहिए। इस दिशा में पीले रंग की कैंडलस लगाने से हमारे लिवर का सिस्टम ठीक रहता है और पेट से संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। साथ ही माता की सेहत भी अच्छी बनी रहती है।
दरअसल पश्चिम दिशा का संबंध धातु से है और धातु का संबंध सफेद रंग से है। साथ ही इस दिशा का संबंध हर्ष तत्व से है और सफेग रंग भी खुशहाली का प्रतीक है। अतः पश्चिम दिशा में सफेद रंग की मोमबत्तियां लगाने से घर के हर्ष तत्व में बढ़ोतरी होती है, लिहाजा घर में खुशियां ही खुशियां होती हैं। इसके अलावा घर की छोटी कन्या को भी खुशी मिलती है। साथ ही मुंह से संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलता है और चेहरे पर एक अलग ही रौनक छा जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में लाल रंग की मोमबत्ती लगाना अच्छा माना जाता है। दरअसल दक्षिण दिशा का संबंध अग्नि तत्व से है और अग्नि तत्व का संबंध लाल रंग से है। दक्षिण दिशा में लाल रंग की मोमबत्ती लगाने से व्यक्ति के अंदर तेज जागृत होता है। साथ ही दक्षिण दिशा का संबंध घर की मंझली कन्या से है। अतः दक्षिण दिशा में लाल रंग की मोमबत्ती लगाना घर की मंझली बेटी के लिये भी फायदेमंद है। साथ ही इससे आंखों से संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और आंखों की रोशनी तेज होती है।
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