धर्म-अध्यात्म

8000 फीट की ऊंचाई पर बसा वीरान शहर, जो सैकड़ों सालों से बना है रहस्य

Shiddhant Shriwas
19 Aug 2021 4:50 AM GMT
8000 फीट की ऊंचाई पर बसा वीरान शहर, जो सैकड़ों सालों से बना है रहस्य
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दुनिया में ऐसी कई रहस्यमय जगहें हैं, जो लोगों को हैरान करती हैं। क्या आपने किसी ऐसे शहर के बारे में सुना है, जो एक-दो नहीं बल्कि 8000 फीट की ऊंचाई पर बसा हो

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में ऐसी कई रहस्यमय जगहें हैं, जो लोगों को हैरान करती हैं। क्या आपने किसी ऐसे शहर के बारे में सुना है, जो एक-दो नहीं बल्कि 8000 फीट की ऊंचाई पर बसा हो? अब आप कहेंगे कि ये तो अजूबा है। तो हम आपको बता दें कि ये शहर दुनिया के सात अजूबों में से ही एक है, जो कई सालों से वीरान पड़ा हुआ है। इस जगह से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं, जिनका जवाब किसी के पास नहीं है। यही वजह है कि इस जगह को 'रहस्यमय शहर' भी कहा जाता है।

इस शहर का नाम है माचू पिच्चू, जो दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित है। यह इंका सभ्यता से संबंधित एक एतिहासिक स्थल है। यह शहर समुद्र तल से 2430 मीटर यानी करीब 8,000 फीट की उंचाई पर उरुबाम्बा घाटी के ऊपर एक पहाड़ पर स्थित है। माचू पिच्चू दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है। माचू पिच्चू को अक्सर लोग 'इंकाओं का खोया हुआ शहर' भी कहते हैं। यह इंका साम्राज्य के सबसे परिचित प्रतीकों में से एक है। इसे पेरू का एक एतिहासिक देवालय भी कहा जाता है, इसलिए इसे एक पवित्र स्थान माना जाता है। साल 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया है।

वैसे तो स्थानीय लोग माचू पिच्चू के बारे में बहुत पहले से जानते थे, लेकिन इसे दुनिया के सामने लाने का श्रेय अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम को दिया जाता है। उन्होंने साल 1911 में इस जगह की खोज की थी। तब से यह जगह दुनियाभर के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गई है। बड़ी संख्या में लोग माचू पिच्चू को देखने के लिए आते हैं और इसके इतिहास और रहस्यों को समझने की कोशिश करते हैं।

माना जाता है कि 1450 ईस्वी के आसपास इंकाओं ने इसका निर्माण किया था, लेकिन इसके लगभग सौ साल बाद ही जब स्पेनियों ने इंकाओं पर जीत हासिल कर ली तो वो इस जगह को हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चले गए। तब से लेकर आज तक यह शहर वीरान ही पड़ा है। अब तो यहां बस खंडहर की बचे हैं।

माचू पिच्चू शहर का निर्माण क्यों कराया गया था, यह अब तक एक रहस्य ही है। कहते हैं कि इस जगह का इस्तेमाल इंसानों की बलि देने के लिए किया जाता था और उन्हें यहीं पर दफना दिया जाता था। पुरातत्वविदों को यहां से कई कंकाल मिले हैं, लेकिन सबसे हैरानी की बात ये है कि इनमें से अधिकतर कंकाल महिलाओं के हैं। इसको लेकर कहा जाता है कि इंका सूर्य देव को अपना भगवान मानते थे और उन्हें खुश करने के लिए कुंवारी स्त्रियों की बलि देते थे। हालांकि, बाद में पुरुषों के भी कंकाल मिलने के बाद इस तथ्य को नकार दिया गया था।

इस जगह को लेकर एक और हैरान करने वाली मान्यता है। कुछ लोग मानते हैं कि माचू पिच्चू को इंसानों ने नहीं बल्कि एलियंस ने बनाया था, लेकिन बाद में वो इस शहर को छोड़कर चले गए। अब सच क्या है, ये तो किसी को नहीं पता, लेकिन इस जगह से जुड़ी ये मान्यताएं हैरान जरूर करती हैं।

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