धर्म-अध्यात्म

इस मंदिर में 9999999 मूत‍िया मौजूद, जानिए क्यों एक करोड़ में कम रह गई 1 मूर्ति

Nilmani Pal
16 Aug 2021 5:10 PM GMT
इस मंदिर में 9999999 मूत‍िया मौजूद, जानिए क्यों एक करोड़ में कम रह गई 1 मूर्ति
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इस जगह को लेकर लोगों के बीच ऐसी मान्यता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- भारत में कई ऐसी जगहें मौजूद है जिनके रहस्यों से आजतक पर्दा नहीं उठ पाया है. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां कुल 99 लाख 99 हजार 999 पत्थर की मूर्तियां हैं, जिनके रहस्यों को आज तक कोई भी सुलझा नहीं पाया है.

यूं तो इस मंदिर की गुत्थी सुलझाने कई विद्वान आए थे लेकिन उन सबके हाथ केवल विफलता ही लगी. इस मंदिर का खास रहस्य जो है वो यह है कि इस मंदिर में 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं. 99 लाख 99 हजार 999 पत्थर की मूर्तियां आखिर मसलन ये मूर्तियां किसने बनाई, कब बनाई और क्यों बनाई है. आखिर इतनी सारी मूर्तियां एक ही मंदिर में और सबसे बड़ा रहस्य तो यह है कि आखिर एक करोड़ में एक ही मूर्ति नहीं बनाई है.
यहां क्यों मौजूद हैं 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां?
इस जगह को लेकर लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि एक बार भगवान शिव समेत एक करोड़ देवी-देवता कहीं जा रहे थे. रात हुई तो सभी देवी-देवता सो गए, शिव जी भी सो गए. सुबह हुई तो कोई नहीं उठी सिर्फ शिव जी ही उठे. शिव जी को गुस्सा आया तो श्राप दे दिया और सभी देवी-देवता पत्थर के हो गए. इसलिए यहां 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं.
इन मूर्तियों के निर्माण को लेकर एक और कहानी है. कहते हैं कि कालू नाम का एक शिल्पकार था, जो भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत जाना चाहता था, लेकिन यह संभव नहीं था. हालांकि शिल्पकार की जिद के कारण भगवान शिव ने उससे कहा कि अगर एक रात में एक करोड़ देवी-देवताओं की मूर्तियां बना दोगे तो वो उसे अपने साथ कैलाश ले जाएंगे.
यह सुनते ही शिल्पकार जी-जान से अपने काम में लग गया और तेजी से एक-एक कर मूर्तियों का निर्माण करने लगा. उसने पूरी रात मूर्तियों का निर्माण किया, लेकिन जब सुबह गिनती की गई तो पता चला कि उसमें एक मूर्ति कम है. इस वजह से उस शिल्पकार को भगवान शिव अपने साथ नहीं ले गए. माना जाता है कि इसी वजह से इस जगह का नाम 'उनाकोटी' पड़ा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उनाकोटी मंदिर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से तकरीबन 145 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यह मंदिर पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े रहस्यों में भी गिना जाता है. यह स्थान काफी सालों तक अज्ञात रूप में यहां मौजूद रहा, हालांकि अब भी बहुत लोग इस स्थान का नाम तक नहीं जानते हैं.


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