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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में गंगा जल के बगैर किसी भी देवी-देवता की पूजा या फिर धार्मिक-मांगलिक कार्य अधूरा माना गया है. मान्यता है कि गंगा के पावन जल में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि तमाम तीज-त्योहारों पर बड़ी संख्या में लोग गंगा तट पर स्नान-दान आदि के लिए पहुंचते हैं ओर उसे किसी पात्र में रखकर अपने घर में लाते हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि गंगाजल को किस पात्र में रखना और कहां रखना चाहिए? आइए गंगा जल से जुड़े जरूरी नियम और उपाय जानते हैं.
गंगाजल से जुड़े 8 जरूरी नियम
तन, मन और आत्मा को पवित्र करने वाले गंगा जल को कभी भी अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए.
पूजा के दौरान संकल्प में प्रयोग लाए जाने वाले गंगाजल को हमेशा कांसे या तांबे के बर्तन में भरकर रखना चाहिए.
गंगा जल को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में स्टोर करके नहीं रखना चाहिए.
गंगाजल को कभी भी जूठे हाथ या फिर जूते-चप्पल पहनकर नहीं छूना चाहिए.
गंगाजल को कभी भी किसी अंधेरे वाली जगह पर बंद करके नहीं रखना चाहिए.
सबसे ज्यादा पवित्र और पूजनीय माने गए गंगा जल को हमेशा अपने घर के ईशान कोण यानि पूजा घर में या फिर उसके आस-पास ही रखना चाहिए.
यदि आपके पास थोड़ी मात्रा में गंगाजल है तो आप पूजा या स्नान करने वाले जल में उसे मिलाकर उसे गंगाजल की भांति ही प्रयोग में ला सकते हैं.
गंगाजल को स्पर्श करके कभी झूठ या अपशब्द नहीं बोलना चाहिए.
गंगा जल से जुड़े 4 चमत्कारी उपाय
ईश्वर की पूजा करने से पहले प्रत्येक दिन देवी-देवताओं और स्वयं को गंगाजल से जरूर पवित्र करना चाहिए.
भगवान शिव की पूजा में गंगा जल का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. मान्यता है कि शिव की जटाओं से निकली गंगा के पावन जल को यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन शिवलिंग पर चढ़ाता है तो उसे शीघ्र ही महादेव से मनचाहा आशीर्वाद मिलता है.
यदि आपको लगता है कि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो गया है या फिर कोई न कोई अपशकुन होता रहता है तो आपको प्रतिदिन अपने घर के हर कोने में पवित्र गंगाजल जरूर छिड़कना चाहिए.
मान्यता है कि गंगाजल छिड़कने से अचानक से लगने वाली बुरी नजर और रात में आने वाले बुरे सपने से बचाव होता है.