धर्म-अध्यात्म

गजमुख गजानन के बारे मे जाने 10 खास रोचक बातें

Apurva Srivastav
3 March 2021 4:51 PM GMT
गजमुख गजानन के बारे मे जाने 10 खास रोचक बातें
x
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ करने के पूर्व भगवान गणेश की पूजा करना अनिवार्य माना गया है

हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ करने के पूर्व भगवान गणेश की पूजा करना अनिवार्य माना गया है, क्योंकि उन्हें निर्विघ्न सभी कार्य को सम्पन्न कर ऋद्धि-सिद्धि का स्वामी कहा जाता है। इनके स्मरण, जप और आराधना से कामनाओं की पूर्ति होती है तथा विघ्नों का विनाश होता है। आओ जानते हैं उनके बारे में 10 खास रोचक बातें।

1. द्वापर युग में उनका वर्ण लाल है। वे चार भुजाओं वाले और मूषक वाहन वाले हैं तथा गजमुख गजानन नाम से प्रसिद्ध हैं।
2. द्वापर युग में गणपति ने पुन: पार्वती के गर्भ से जन्म लिया व गणेश कहलाए। परंतु गणेश के जन्म के बाद किसी कारणवश पार्वती ने उन्हें जंगल में छोड़ दिया, जहां पर पराशर मुनि ने उनका पालन-पोषण किया।
3. ऐसा भी कहा जाता है कि वे महिष्मति वरेण्य वरेण्य के पुत्र थे। कुरुप होने के कारण उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया था। इन्हीं गणेशजी ने ही ऋषि वेदव्यास के कहने पर महाभारत लिखी थी। इस अवतार में गणेश ने सिंदुरासुर का वध कर उसके द्वारा कैद किए अनेक राजाओं व वीरों को मुक्त कराया था। इसी अवतार में गणेश ने वरेण्य नामक अपने भक्त को गणेश गीता के रूप में शाश्वत तत्व ज्ञान का उपदेश दिया।
4. यह भी कहा जाता है कि कहते हैं कि द्वापर युग में वे ऋषि पराशर के यहां गजमुख नाम से जन्मे थे। गजमुख नाम के राक्षस को मारने के कारण उनना ये नाम रखा गया जान पड़ता है।
5. गणेशजी को पौराणिक पत्रकार या लेखक भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने ही 'महाभारत' का लेखन किया था। इस ग्रंथ के रचयिता तो वेदव्यास थे, परंतु इसे लिखने का दायित्व गणेशजी को दिया गया। इसे लिखने के लिए गणेशजी ने शर्त रखी कि उनकी लेखनी बीच में न रुके। इसके लिए वेदव्यास ने उनसे कहा कि वे हर श्लोक को समझने के बाद ही लिखें। श्लोक का अर्थ समझने में गणेशजी को थोड़ा समय लगता था और उसी दौरान वेदव्यासजी अपने कुछ जरूरी कार्य पूर्ण कर लेते थे।


Next Story