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धर्म-अध्यात्म
08 अगस्त दिन सोमवार को है इस साल श्रावण पुत्रदा एकादशी
Ritisha Jaiswal
2 Aug 2022 10:16 AM GMT
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श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) कहते हैं. श्रावण मास में होने के कारण इसे श्रावण पुत्रदा एकादशी कहते हैं
श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) कहते हैं. श्रावण मास में होने के कारण इसे श्रावण पुत्रदा एकादशी कहते हैं. एक और पुत्रदा एकादशी पौष माह में होती है, जो पौष पुत्रदा एकादशी कहलाती है. इस साल श्रावण पुत्रदा एकादशी 08 अगस्त दिन सोमवार को है. इस दिन सावन का अंतिम सोमवार व्रत भी है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव यानि हरिहर की पूजा का उत्तम अवसर है. ये दोनों ही व्रत एक साथ एक ही दिन हैं और दोनों व्रतों को रखने से पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं श्रावण पुत्रदा एकादशी पर बनने वाले रवि योग और इस व्रत के लाभ के बारे में.
श्रावण पुत्रदा एकादशी मुहूर्त 2022
सावन शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ: 07 अगस्त, दिन रविवार, रात 11:50 बजे से
सावन शुक्ल एकादशी तिथि का समापन: 08 अगस्त, दिन सोमवार, रात 09:00 बजे पर
श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण समय: 09 अगस्त, दिन मंगलवार, सुबह 05:47 बजे से सुबह 08:27 बजे तक
द्वादशी तिथि का समापन: 09 अगस्त, शाम 05:45 बजे
रवि योग में श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत
श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन रवि योग सुबह 05:46 बजे से दोपहर 02:37 बजे तक है. ऐसे में रवि योग में श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत की पूजा करने और कथा सुनने से आपका कार्य सफल होगा. रवि योग अमंगल को नष्ट करके सफलता प्रदान करता है. इस योग में सूर्य देव प्रभावशाली होते हैं.
श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत के लाभ
1. जो भी व्यक्ति श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत रखता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है.
2. जो लोग संतानहीन होते हैं, उनको पुत्र की प्राप्ति होती है.
3. जो अज्ञानी हैं, उनको ज्ञान प्राप्त होता है, वे विद्वान बनते हैं.
4. जो दरिद्र हैं, निर्धन हैं, उन पर साक्षात् मां लक्ष्मी की कृपा होती है. उनके जीवन में धन की कमी दूर हो जाती है.
श्रावण पुत्रदा एकादशी पर सावन सोमवार का संयोग
इस बार श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन सावन सोमवार व्रत का संयोग बना है. श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत और सावन सोमवार व्रत दोनों ही पुत्र या संतान प्राप्ति की कामना से रखा जाता है. इस दिन आप व्रत रख करके दोनों व्रतों के पुण्य को अर्जित कर सकते हैं. सावन सोमवार व्रत मनचाहे जीवनसाथी पाने की मनोकामना को भी पूर्ण करता है.
TagsPutrada Ekadashi
Ritisha Jaiswal
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