धर्म-अध्यात्म

अमावस्या के ये उपाय खोलेंगे किस्मत का रास्ता, कालसर्प दोष की समस्या मुक्ति के लिए करें ये काम

Tara Tandi
8 July 2021 7:19 AM GMT
अमावस्या के ये उपाय खोलेंगे किस्मत का रास्ता, कालसर्प दोष की समस्या मुक्ति के लिए करें ये काम
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हर महीने के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या तिथि माना जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हर महीने के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या तिथि माना जाता है. किसी भी अमावस्या को तर्पण, पिंडदान, पितृदोष निवारण और कालसर्प दोष निवारण के लिए काफी उत्तम तिथि माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इस समय आषाढ़ का महीना चल रहा है. आषाढ़ के महीने में आने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या या हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है.

इस अमावस्या के बाद से ही वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है. खेती के लिए वर्षा बहुत जरूरी है. इसीलिए किसान इस अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं और इस दिन हल और खेती के उपकरणों का पूजन करते हैं. इस बार आषाढ़ अमावस्या 9 जुलाई दिन शुक्रवार को पड़ रही है. यदि आपके जीवन में आर्थिक तंगी, बेरोजगारी, शत्रु बाधा, कालसर्प दोष या पितृदोष जैसी समस्याएं हैं तो आप कल के दिन इन उपायों को आजमा सकते हैं.

समस्याओं का सिलसिला खत्म करने के लिए

यदि आपके जीवन में समस्याएं और बाधाएं समाप्त होने का नाम ही नहीं लेतीं तो आपको आषाढ़ अमावस्या के दिन भगवान का नाम लेकर आटे की गोलियां बनानी चाहिए और किसी तालाब या नदी या जहां भी मछलियां मौजूद हों, उन्हें ये गोलियां खिलानी चाहिए. इसके अलावा चीटियों को चीनी मिला मीठा आटा खिलाना चाहिए. इससे कई तरह के संकट दूर होते हैं, दुर्भाग्य दूर होता है, साथ ही आर्थिक स्थितियां बेहतर होती हैं. अगर आप ऐसा रोज या हर अमावस्या पर कर सकें तो और भी अच्छे परिणाम मिलते हैं.

कालसर्प दोष के प्रभाव दूर करने के लिए

यदि कुंडली में कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव होने की वजह से हर कार्य में रुकावटें आती हैं तो अमावस्या के दिन चांदी के नाग नागिन का जोड़ा बनवाकर किसी पवित्र नदी के किनारे पर पंडित की मदद से पूजन करें और नाग नागिन के जोड़े को जल में प्रवाहित कर दें. इसके अलावा आप किसी सपेरे से नाग नागिन का जोड़ा खरीदकर उसे जंगल में मुक्त करा सकते हैं. इससे भी काल सर्प दोष की समस्या दूर होती हैं.

पितरों की शांति के लिए

पितरों की शांति के लिए प्रत्येक अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त गीता का पाठ करें. इसके अलावा अमावस्या के दिन पीपल का पेड़ लगाना भी काफी शुभ माना जाता है. कलयुग में पीपल के पेड़ को साक्षात भगवान कृष्ण का स्वरूप माना जाता है. मान्यता है कि अमावस्या के दिन पीपल लगाने के बाद इसकी देखरेख जरूर करें. जैसे जैसे पीपल का पेड़ बड़ा होगा, आपकी समस्याएं भी समाप्त होने लगेंगी.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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