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जाने कैसे उठाएं दैनिक जीवन में ज्योतिषीय उपाय का लाभ
अक्सर हमने देखा हैं कि किसी भी घर की एक कुशल गृहिणी चूल्हा जलाने के बाद पहली रोटी कुत्तों के लिए और एक घर की सफाई के दौरान जब पोंछा लगाती है तो बाल्टी के पानी में नमक मिलाती है।
शाम के समय मंदिर जाते हुए चींटियों के लिए थोड़ा आटा और चीनी लेकर निकलती है।देखने में भले ही ये दैनिक जीवन का हिस्सा दिखाई दे सकते हैं, लेकिन अधिकांश महत्वपूर्ण ज्योतिषीय उपाय या उपचार इन्हीं से जुड़े हुए हैं।महंगे रत्नों या पुरोहितों के सान्निध्य में यज्ञ हवन करवाने की तुलना में रोजाना का यह मौन यज्ञ आपको कई तरह की बाधाओं से बचाकर रखता है।
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जानिए क्यों जरूरी हैं साधना और दान जरूरी
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि जब किसी भी जातक की कुंडली में पीड़ा देने वाले ग्रहों में राहू, केतू और शनि शामिल है। इसके अलावा हर लग्न के लिए बाधक स्थानाधिपति व मारक ग्रहों की पीड़ा भी शामिल होती है। इन समस्याओं का समाधान हमारे घर में मौजूद है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार किसी ग्रह का प्रभाव बढ़ाने या खराब प्रभाव को खत्म करने के लिए रत्न पहनाए जाते हैं, लेकिन पीड़ादायी ग्रहों का उपचार करने के लिए दो ही साधन प्रमुख हैं, इनमें पहला है दान और दूसरा है साधना।
साधना किसी समय विशेष पर की जा सकती है, लेकिन दान का महत्व हर दिन है। दान का क्रम आगे बढऩे से पूर्वजन्म के कर्मों का बंधन भी ढीला होने लगता है और जातक क्रमश: अधिक सुखी होता जाता है। हर ग्रह से संबंधित उपचार पूर्व में ही तय हैं।
सूर्य: करें काली गाय की सेवा
किसी जातक की कुंडली में सूर्य खराब परिणाम दे रहा हो तो लाल किताब के अनुसार उस जातक के मुंह से बोलते समय थूक उछलता रहता है।
शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से नाकारा होने लगते हैं।
ऐसे जातकों को सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्य देना चाहिए और लाल मुंह के बंदर की सेवा करनी चाहिए।
आठवें का सूर्य होने पर सफेद गाय की बजाय लाल या काली गाय की सेवा करने के लिए कहा जाता है।
चंद्र: बुजुर्गों का लें आशीर्वाद
माता की सेवा करने से चंद्रमा के शुभ फल मिलने शुरू होते हैं। घर के बुजुर्गों, साधु और ब्राह्मणों के पांव छू कर आशीर्वाद लेने से चंद्रमा के खराब प्रभावों को भी दूर किया जा सकता है। रात के समय सिरहाने के नीचे पानी रख कर सुबह उसे पौधों में डालने से चंद्र्रमा का असर दुरुस्त होता है। घर का उत्तरी-पश्चिमी कोना चंद्रमा का स्थान होता है। यहां पौधे लगाए जाएं और सुबह-शाम पानी दिया जाए तो चंद्रमा का प्रभाव उत्तम बना रहता है।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।