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कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 माह के बाद निद्रा योग से जागते हैं और अपना कार्यभर संभालते हैं. इस दिन तुलसी जी का विवाह भगवान शालीग्राम से किया जाता है. ऐसे में तुलसी विवाह के दौरान तुलसी जी पर ये कुछ जरूरी चीजें अर्पित करने से जीवनभर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
दूध
मां लक्ष्मी को सफेद रंग की चीजें बेहद प्रिय हैं. तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए मां लक्ष्मी की कृपा के लिए तुलसी के पौधे में कच्चा दूध अर्पित करें. इससे भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. बता दें कि दूध अर्पित करते समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का उच्चराण करें.
दीपक
हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र स्थान प्राप्त है. मान्यता है कि सुबह-शाम तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. तुलसी विवाह के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे पर घी का दीपक जलाएं. साथ ही, दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:। दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां। शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति। इस मंत्र का उच्चारण करें. इससे घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है.
लाल धागा
देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है. तुलसी विवाह के दौरान लाल रंग का धागा तुलसी पर बांधना शुभ माना गया है. इससे जीवन में भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में वास करती हैं.
पीला धागा
अपने शरीर के बराबर एक पीला धागा लें और तुलसी विवाह के समय उस पर 108 गांठें लगा दें. इस पीले धागे को तुलसी के पौधे के नीचे बांध दें. इससे आपकी मनोकामनाएं जल्द पूरी हो जाएंगी.
लाल रंग की चुनरी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी विवाह 5 नवंबर के दिन किया जाएगा. इस दिन तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के विग्रह रूप शालीग्राम के साथ किया जाता है. इस दिन विवाह के दौरान तुलसी जी को लाल रंग की चुनरी अर्पित करना शुभ माना गया है. ऐसा करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याएं नहीं रहती.