धर्म-अध्यात्म

हरतालिका तीज पर क्यों बांधा जाता है फुलेरा, जानें क्या है इसका महत्व

Subhi
26 Aug 2022 2:36 AM GMT
हरतालिका तीज पर क्यों बांधा जाता है फुलेरा, जानें क्या है इसका महत्व
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पति की दीर्घायू के लिए महिलाएं हरतालिका तीज व्रत रखती हैं. हिंदू धर्म में इस व्रत का काफी महत्व है. यह व्रत कितना खास है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि काफी कठिन होने के बावजूद महिलाएं इस व्रत को रखती हैं. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह व्रत रखा जाता है. इस बार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा

पति की दीर्घायू के लिए महिलाएं हरतालिका तीज व्रत रखती हैं. हिंदू धर्म में इस व्रत का काफी महत्व है. यह व्रत कितना खास है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि काफी कठिन होने के बावजूद महिलाएं इस व्रत को रखती हैं. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह व्रत रखा जाता है. इस बार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती की अराधना करती हैं. इस दिन भगवान शिव के ऊपर जलधाराओं की जगह फुलेरा बांधा जाता है. आइए जानते हैं कि क्या है इसका महत्व.

इस समय है प्रदोष काल मुहूर्त

हरतालिका तीज पर महिलाएं पूरे दिन और रात में निर्जला व्रत रखती हैं, इसलिए ये व्रत इतना कठिन हो जाता है. इस बार भादो शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि 29 अगस्त यानी कि सोमवार शाम 3 बजकर 21 मिनट से से शुरू हो रही है और इसकी समाप्ति 30 अगस्त यानी कि मंगलवार शाम 3 बजकर 34 मिनट पर होगी. वहीं, प्रदोष काल मुहूर्त 30 अगस्त को शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक है. ऐसे में इस बार हरतालिका तीज व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा.

इसलिए बांधा जाता है फुलेरा

हरतालिका तीज में पूजा करते समय फुलेरा का काफी महत्व है. पूजा के दौरान भगवान शिव के ऊपर जलाधारी की जगह फुलेरा बांधा जाता है. फुलेरा को पांच तरह के फूलों से बनाया जाता है. फुलेरा में बांधी जाने वाली 5 फूलों की मालाएं भगवान शंकर की पांच पुत्रियों (जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोतली) का प्रतीक हैं.

मां पार्वती ने भी रखा था व्रत

मान्यताओं के अनुसार, मां पार्वती ने सबसे पहले हरतालिका तीज व्रत किया था. इस दौरान उन्होंने अन्न, जल त्याग दिया था. उनके इस कठिन व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने मां पार्वती को दर्शन दिए और उनकी कामना के अनुसार पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया. ऐसे में मान्यता है कि जो भी महिलााएं इस दिन व्रत करती हैं, उनको भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का आशीर्वाद मिलता है.

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