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आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन स्नान दान का काफी अधिक महत्व है। इसके साथ ही आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का भी पर्व मनाया जाता है। आज के दिन गुरुओं के महान योगदान के लिए उनकी पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन वेद व्यास जी का भी जन्म हुआ था। इस कारण आषाढ़ माह की पूर्णिमा को व्यास जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन स्नान -दान करना विशेष महत्व होता है। जानिए आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि , शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
आषाढ़ पूर्णिमा व्रत 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 13 जुलाई को सुबह 4 बजकर 1 मिनट से शुरू
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त- 14 जुलाई रात 12 बजकर 6 मिनट पर समाप्त
उदया तिथि के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा।
आषाढ़ पूर्णिमा व्रत के दिन चंद्रोदय- 13 जुलाई रात 08 बजकर 59 मिनट पर
आषाढ़ पूर्णिमा व्रत 2022 की पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। गंगा स्नान कर लें, तो ज्यादा बेहतर है। अगर किसी कारणवश गंगा स्नान के लिए नहीं जा पाए है, तो घर में ही स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिला लें।
स्नान करने के बाद साफ-सूखे वस्त्र पहन लें।
अब पूजा घर में जाकर आराध्य की पूजा करने के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें।
भगवान विष्णु के संग मां लक्ष्मी को फूल, माला, सिंदूर, पीला चंदन, अक्षत आदि लगा दें।
इसके बाद भोग में मिठाई खिला दें और जल पिला दें।
इसके बाद धूप और दीप जला दें और सत्यनारायण की कथा का पाठ कर करें।
इसके साथ ही भगवान विष्णु का मनन करते हुए सहस्त्रनाम पाठ का भी पाठ कर लें।
अंत में विधिवत आरती करने के बाद प्रसाद ग्रहण कर लें।