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किसी से भूलकर भी ना करें इन बातों का जिक्र, नहीं तो हो सकता है नुकसान
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आचार्य चाणक्य के द्वारा लिखे गए नीति शास्त्र में जीवन से संबंधित बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में निजी जीवन, नौकरी, व्यापार, रिश्तें, मित्रता, शत्रु आदि जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए हैं। लोगों को इनकी बताई गई बातें भले ही लोगों को कठोर लगती हैं लेकिन ये बातें व्यक्ति को सही और गलत का भेद बताती हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियां व्यक्ति को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती है। आज भी आचार्य चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। ये एक कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और रणनीतिकार होने के साथ ही अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ भी थे। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी चार बातों का उल्लेख है जिसका जिक्र मनुष्य को किसी दूसरे से भूलकर भी नहीं करना चाहिए। यदि वह ऐसा करता है तो उसे नुकसान भुगतना पड़ सकता है। आइए जानते हैं क्या है वो बातें।
दांपत्य जीवन से जुड़ी की बातें ऐसी होती है जो सिर्फ पति और पत्नी के बीच ही रहनी चाहिए। यदि पति-पत्नी के बीच की बातें बाहर चली गईं तो इससे वैवाहिक जीवन में दरार पड़ सकती है। इसलिए अपने दाम्पत्य जीवन से जुड़ी बातें किसी से भी न साझा करें,फिर चाहे वो आपका करीबी मित्र ही क्यों न हो।
अक्सर व्यक्ति दुखी होता है तो वह एक सहारा ढूंढता है। ऐसे में वो अपने करीबियों से अपना दुख भी साझा करता है। जैसे उसके साथ क्या हुआ, या किसी ने उसका अपमान किया। लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं ऐसी बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए। यदि वह आपका मित्र भी होगा तो भी वह आपके सामने तो आपको सांत्वना देगा लेकिन पीठ पीछे आपकी हंसी उड़ाएगा। इसलिए आप ऐसी नौबत ही न आने दें।
जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है जब मनुष्य को आर्थिक रूप से परेशानी होती है। हो सकता है आपको ऋण तक लेना पड़ जाए। लेकिन ऐसी बातों को आप अपने तक ही सीमित रखें।