अमूल्य जल की बर्बादी नहीं रुकी तो न्यायालय में करेंगे गुहार

भीलवाड़ा। जलदाय विभाग की अनदेखी व लापरवाही से भीलवाड़ा की पेयजल सप्लाई की पाईप लाईनों के क्षतिग्रस्त होने से प्रतिदिन लाखों लीटर पानी सड़क एवं नालियों में फिजूल बह रहा है। जिसे रोकने के लिए शहर की क्षतिग्रस्त हुई पाईप लाईनों को दुरुस्त कराने एवं पुरानी पाईपलाईनों के स्थान पर नई पाईपलाईनें लगवाने की मांग …
भीलवाड़ा। जलदाय विभाग की अनदेखी व लापरवाही से भीलवाड़ा की पेयजल सप्लाई की पाईप लाईनों के क्षतिग्रस्त होने से प्रतिदिन लाखों लीटर पानी सड़क एवं नालियों में फिजूल बह रहा है। जिसे रोकने के लिए शहर की क्षतिग्रस्त हुई पाईप लाईनों को दुरुस्त कराने एवं पुरानी पाईपलाईनों के स्थान पर नई पाईपलाईनें लगवाने की मांग को लेकर पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने जिला कलक्टर व अधीक्षण अभियन्ता पीएचईडी को पत्र लिखा है। जाजू ने बताया कि अनेक कॉलोनियों में पुरानी और क्षतिग्रस्त पाइप लाइनें नालियों के पास होने से उनका मलमूत्र का पानी पाइपलाइन में जा रहा है जो बाद में पेयजल में सप्लाई हो रहा है।
जाजू ने बताया कि अधीक्षण अभियन्ता का बार-बार ध्यान आकृष्ट करने के बावजूद पाईपलाईनों में सुधार नहीं होने एवं नई पाईपलाईनों के नहीं लगने से निरंतर फिजुल पानी बह रहा है तथा नगर परिषद क्षेत्र में अनेक जगह पाईपलाईनें क्षतिग्रस्त होकर फूटने के बाद आसपास की सड़कें तक क्षतिग्रस्त हो चुकी है, परंतु विभाग में सूचना देने के बावजूद पाईपलाईन की मरम्मत महीनों तक नहीं होती है। जाजू सहित सुरेश माहेश्वरी, गुमान सिंह पीपाड़ा, मुकेश अजमेरा, प्रभात जैन, अभिजीत सारडा, सुरेश सुराना ने कहा कि शीघ्र ही यदि अमूल्य जल की बर्बादी को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाये तो मजबूरन न्यायालय की शरण लेंगे।
