आईपीडी टावर के निर्माण में पैसे की बर्बादी सामने आने लगी
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जयपुर: संदीप शर्मा एसएमएस अस्पताल में बन रहे आईपीडी टावर के निर्माण में पैसे की बर्बादी सामने आने लगी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यदि टावर को 24 की जगह 17 मंजिला बनाने की योजना पहले ही बन जाती तो 2 हजार टन लोहे की खपत कम होती, जिसकी मौजूदा कीमत करीब 20 करोड़ है। यानी …
जयपुर: संदीप शर्मा एसएमएस अस्पताल में बन रहे आईपीडी टावर के निर्माण में पैसे की बर्बादी सामने आने लगी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यदि टावर को 24 की जगह 17 मंजिला बनाने की योजना पहले ही बन जाती तो 2 हजार टन लोहे की खपत कम होती, जिसकी मौजूदा कीमत करीब 20 करोड़ है। यानी जनता के 20 करोड़ रुपए सरकार व अफसरों की अदूरदर्शिता की भेंट चढ़ गए।
हेलीपैड के लिए बेसमेंट को अतिरिक्त मजबूती
प्रोजेक्ट के अनुसार आईपीडी टावर 24 मंजिला बनना था, सबसे ऊपर हेलीपैड बनाने की भी योजना थी, ऐसे में इंजीनियरों ने बेसमेंट को मजबूती देने के लिए टावर की ऊंचाई की तुलना में अतिरिक्त मेटेरियल लगाने का निर्णय लिया। यदि टावर काे पूर्व में ही 17वीं मंजिल तक बनाने का निर्णय होता तो पूरे प्रोजेक्ट में 10 हजार टन लोहा ही लगता, वहीं अब तक पूरे टावर में 12 हजार टन लोहा लग चुका है। आज के बाजार मूल्य के अनुसार एक टन लोहे की कीमत एक लाख रुपए से अधिक है, ऐसे में 20 करोड़ रुपए का लोहा टावर में अतिरिक्त लग चुका है।
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