समाज व देश को सुधारने के लिए कृष्ण के उपदेशों पर चलना जरूरी, महामंडलेश्वर स्वामी अनंत देव
भीलवाड़ा। महामंडलेश्वर स्वामी अनंत देव महाराज ने कहा कि हमें समाज व देश को सुधारने के लिए कृष्ण के उपदेशों को अपनाना व उनके बताए मार्गों पर चलना होगा यह बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मानवता क्या है? मापदंड क्या है? मानचित्र क्या है? इसको हम भगवत गीता का अध्ययन करके श्री कृष्ण के उपदेशों से ही समझ सकते हैं। गीता के उपदेशों को हम में अर्जुन की तरह उदारवादी रहकर समझना होगा। महामंडलेश्वर गुरुवार को रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम विरक्त आश्रम में राष्ट्र चेतना के लिए श्रीमद् भागवत गीता पर सत्संग करते हुए संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में राजनीति विशेष को भी ध्यान देना चाहिए। हम रोटी, कपड़ा, मकान में फंसे हैं इससे बाहर निकलना चाहिए। बाहर निकालने के बाद भागवत सन्देश को गीता के माध्यम से हिंदू राष्ट्र के निर्माण की ओर करना चाहिए। यह आज की महत्ती आवश्यकता है। आने वाले समय में विकट परिस्थितियों में अन्यायी अत्याचारियों से यही हमें बाहर निकलेगी। दार्शनिक विषय गीता का हमें अनुसरण करना होगा। कथा के दौरान महाराज ने हाल ही में दिवंगत हुए रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य बंशीलाल सोडाणी के जीवन चरित्र को याद करते हुए समाज व सनातन धर्म के लिए सराहनीय बताया। सत्संग सभा का संचालन रामपाल शर्मा ने किया। ट्रस्ट के सचिव अभिषेक अग्रवाल ने महाराज व उनके साथ आए सभी संतो का स्वागत अभिनंदन किया। कन्हैयालाल मुंदड़ा, राकेश सिंहल, नवरत्न पारीक, संजीव गुप्ता, सुशील पारीक मौजूद थे। स्वागत उद्बोधन पंडित रमाकांत शर्मा ने दिया। सत्संग 22 दिसंबर तक प्रतिदिन प्रातः 9.30 से 10.30 बजे तक होगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मानसिंहका व उपाध्यक्ष हेमंत मानसिंहका ने सभा के दौरान भक्तों से गोदान की अपील की। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष दीपक मानसिंहका ने बताया की रामधाम विरक्त संतों की स्थली है। आज के युग में जब कथाकारो का फैशन चल रहा है, तो संन्यासी परंपरा के विरक्त संत ढूँढने पर भी नहीं मिलते है। ऐसे संतों के दर्शन व सत्संग का लाभ रामधाम में लेकर भक्त अपने जीवन में दिव्यता लाये।