राजस्थान

सूर्योदयनगरी क्षेत्र में संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो स्थायी डॉक्टर है और न ही स्टाफ

14 Feb 2024 3:39 AM GMT
सूर्योदयनगरी क्षेत्र में संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो स्थायी डॉक्टर है और न ही स्टाफ
x

श्रीगंगानगर: सूरतगढ़ के सूर्योदयनगरी क्षेत्र में संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो स्थायी डॉक्टर है और न ही स्टाफ। 15 वार्डों की करीब 40 हजार की आबादी पर संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संविदाकर्मियों के भरोसे चल रहा है। ऐसे में अस्पताल में न तो संस्थागत प्रसव हो पा रहे और न ही मरीजों …

श्रीगंगानगर: सूरतगढ़ के सूर्योदयनगरी क्षेत्र में संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो स्थायी डॉक्टर है और न ही स्टाफ। 15 वार्डों की करीब 40 हजार की आबादी पर संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संविदाकर्मियों के भरोसे चल रहा है। ऐसे में अस्पताल में न तो संस्थागत प्रसव हो पा रहे और न ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रोजाना की ओपीडी 80 से 100 के करीब है। सरकारी अस्पताल में सुविधाएं होने के बावजूद मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही। बीमार मरीजों को इलाज करवाने सीएचसी या फिर निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।

जानकारी के मुताबिक लाइनपार क्षेत्र के लोगों की मांग पर राज्य सरकार ने एनआरएचएम योजना के तहत अर्बन पीएचसी के नाम से सूर्योदयनगरी क्षेत्र में राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला था, ताकि आबादी के लोगों को रेलवे फाटक की असुविधा व मरीजों को त्वरित प्राथमिक उपचार मिल सके। कोरोनाकाल में विभाग ने सीएचसी से एक सरकारी डॉक्टर को डेपुटेशन पर पीएचसी में नियुक्त किया था, जो वापस सीएचसी में आ गए। वर्ष 2022 से पीएचसी में एक डॉक्टर व स्टाफ एनएचएम योजना के तहत संविदा पर लगा हुआ है। ऐसे में आबादी के लोगों को मात्र मलहम पट्‌टी, टीकारण व निशुल्क दवा योजना का ही लाभ मिल पा रहा है।

    Next Story