राजसमंद। राजसमंद में राजनगर पुलिस थाना सर्कल में चोरी व चैक अनादरण के मामले में दो स्थायी वारंटी को गिरफ्तार किया। राजनगर पुलिस थाना इंचार्ज लीलाधर मालवीय के अनुसार जिले में फरार, उद्घोषित एवं वांछित अपराधियों की धर पकड के लिए पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत राजनगर …
राजसमंद। राजसमंद में राजनगर पुलिस थाना सर्कल में चोरी व चैक अनादरण के मामले में दो स्थायी वारंटी को गिरफ्तार किया। राजनगर पुलिस थाना इंचार्ज लीलाधर मालवीय के अनुसार जिले में फरार, उद्घोषित एवं वांछित अपराधियों की धर पकड के लिए पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत राजनगर पुलिस की टीम ने धर पकड अभियान चलाते हुए वांछितों के ठिकानों पर दबिश देकर दो स्थायी वारंटी दिनेश सिंह ‘‘27’’ पुत्र बाबू सिंह रावत निवासी डोली कालिया जोजावर थाना सिरियारी जिला पाली व रणतीसिंह उर्फ पप्पू सिंह ‘‘45’’ पुत्र मान सिंह चौहान निवासी कल्लाखेडी बडलावाली थाना नाथद्वारा को गिरफ्तार किया गया। दोनों स्थायी वारंटी के खिलाफ न्यायालय से वारंट जारी होने के बाद अपना नाम बदलकर छीपते फिर रहे थे जिन्हें टीम द्वारा तकनीकी तरीके व मुखबिर की सहायता से संभावित जगहों पर दबिश देकर गिरफ्तार किया गया। वारंटी दिनेश सिंह चोरी के मामले में करीब 7 सालाें से फरार चल रहा था एवं वारंटी रणजीत सिंह चैक अनादरण के मामले में करीब 2 साल से फरार चल रहा था।
नाबालिग बालिका की लज्जा भंग करने के आरोपी को पोक्सो कोर्ट की न्यायाधीश पूर्णिमा गौड ने दोषी मानते हुए 3 साल की सजा व 2 हजार रूपए का जुर्माना सुनाया है। पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य के अनुसार 28 जनवरी 2022 को पीड़िता की मां ने थानाधिकारी पुलिस थाना भीम को एक रिपोर्ट पेश की जिसमें बताया कि 27 जनवरी 2022 की शाम को उनकी बेटी अपने घर से बाड़े में जा रही थी तभी आरोपी उसके घर के सामने से उसकी बच्ची को पकड़ कर उसके घर के अंदर ले गया। उसको डराकर अश्लील हरकत की। पीड़िता के चिल्लाने पर उसकी बहन आ गई तो आरोपी ने पीड़िता को छोड़ दिया। फिर उसकी बच्ची उसके पास घर पर आई व उसे सारी बात बताई जिसके बाद मामला दर्ज कराया। रिपोर्ट पर पुलिस थाना भीम द्वारा प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान पूरा कर आरोपी आरोपी के विरुद्ध पोक्सो न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया। न्यायालय में पीड़ित बालिका व राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 16 गवाहों के बयान कोर्ट में करवाए व 29 दस्तावेज पेश किए। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी को दोष सिद्ध घोषित किया गया। जिसके बाद पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को 3 साल की सजा व 2 हजार रूपए का जुर्माना लगाया।