आमलियों की बारी संगीत कला केंद्र में नानी बाई रो मायरो कथा जारी
भीलवाड़ा। स्वर्णकार महिला संगठन के तत्वावधान में शहर की आमलियों की बारी में स्थित संगीत कला केंद्र में नानी बाई रो मायरो कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ पर गौवत्स दिव्यांशु दाधीच ने कहा कि कलयुग में केवल हरि नाम सार्थक है यही साथ चलेगा। कलयुग में ठाकुर जी साधना, व्रत आदि करने की नहीं …
भीलवाड़ा। स्वर्णकार महिला संगठन के तत्वावधान में शहर की आमलियों की बारी में स्थित संगीत कला केंद्र में नानी बाई रो मायरो कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ पर गौवत्स दिव्यांशु दाधीच ने कहा कि कलयुग में केवल हरि नाम सार्थक है यही साथ चलेगा। कलयुग में ठाकुर जी साधना, व्रत आदि करने की नहीं कहते हैं वह तो यह कहते हैं जहां पुकारोगे में वहीं आ जाऊंगा। मुझे यदि सच्चे मन से याद किया जाए तो में अपने भक्तों की रक्षा करने जरूर आता हूँ। उन्होंने कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि नरसी ने पुकारा तब भी भगवान आए थे। नानी बाई का 56 करोड़ का मायरा भरा था। उन्होंने कहा कि इस संसार में माता पिता की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। जिस घर में माता-पिता की सेवा होती है, उस घर में कभी धन की कमी नहीं आती है। कथा के दौरान भजनों पर महिलाओं ने नृत्य भी किया। कथा प्रतिदिन दोपहर 2.00 से शाम 5.00 बजे तक चल रही है।