जयपुर: सोमवार 20 नवम्बर से शुरू हुए जैन धर्म के आठ दिवसीय शाश्वत पर्व अष्टानिका महापर्व में श्री 1008 सिद्ध चक्र महामण्ड़ल विधान पूजा में रविवार को मंत्रोच्चार के साथ 512 अर्घ्य चढाए गए। इस मौके पर कई मंदिरों में दिगम्बर जैन संतो ने अष्टानिका महापर्व का महत्व बताया।
राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ के अनुसार जैन धर्म के इस दूसरे बडे पर्व अष्टानिका महापर्व के मौके पर शहर के दिगम्बर जैन मंदिरों में आठ दिनों तक श्री सिद्ध चक्र महामण्ड़ल विधान पूजा एवं विश्व शांति महायज्ञ, श्री नन्दीश्वर महामण्ड़ल विधान पूजा सहित सायकांल सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं । सोमवार को सिद्ध चक्र महामण्ड़ल विधान पूजा में मंत्रोच्चार के साथ 512 अर्घ्य मण्डल पर चढाए गए।
जैन के मुताबिक एसएफएस के श्रीआदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका भरतेश्वरमति माताजी ससंघ के सानिध्य में अभिषेक, शांति धारा के बाद श्री सिद्ध चक्र महामण्डल विधान पूजा की गई जिसमें 512 अर्घ्य चढ़ाएं गये। सायंकाल 48 दीपकों से ऋद्धि मंत्रों से युक्त भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान किया गया। जैन के मुताबिक सोमवार को पूजा में अष्ट द्रव्य के 1024 अर्घ्य मंत्रोच्चार के साथ चढ़ाएं जाएंगे। उनके मुताबिक अष्टानिका महापर्व का मंगलवार,28 नवम्बर को विश्व शांति महायज्ञ, पूर्णाहुति एवं शोभायात्रा के साथ समापन होगा।