पूर्वी लद्दाख (Coronavirus) में चीन और भारत के बीच चल रही तनातनी के बीच अमेरिका (America) ने हिंद और प्रशांत महासागर में अपनी कमर कस ली है. अमेरिका ने चीनी नौसेना (Chinese navy) की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए हिंद महासागर (Indian Ocean) में अपने दो सबसे घातक हथियार भेजे हैं. ये हथियार इतने विनाशक हैं कि पलक झपकते ही किसी भी देश को तबाह कर दें. अमेरिका की ओर से भेजे गए ये दोनों घातक हथियार भारत की रक्षा में तैनात किए गए हैं. हिंद महासागार में चीन अपनी पैठ बनाना चाहता है, जिसका जवाब अमेरिका और भारत अब मिलकर दे रहे हैं.
बता दें कि अमेरिका ने चीन को सबक सिखाने और भारत की ताकत बढ़ाने के लिए जिन दो हथियारों को भेजा है उनके नाम हैं ओहियो क्लास की क्रूज मिसाइल सबमरीन यूएसएस जॉर्जिया और एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन. ये दोनों ही पनडुब्बी परमाणु मिसाइलों से लैस हैं. अमेरिका की फोर्ब्स पत्रिका में रक्षा मामलों के विशेषज्ञ एचआई सटन ने सैटलाइट तस्वीरों के आधार पर खुलासा किया कि अमेरिकी नौसेना की सबसे घातक पनडुब्बियों में से एक यूएसएस जार्जिया हिंद महासागर में स्थित यूएस नेवल बेस डियागो गार्सिया में 4 दिनों तक रही.
अभी तक की खबर के मुताबिक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली ये सबमरीन 25 सितंबर को डियागो गार्सिया पहुंची थी. ऐसा अनुमान है कि यहां पर सबमरीन के चालक दल को बदला गया. ओहियो श्रेणी की इस सबमरीन को अमेरिका की सबसे विशाल पनडुब्बी माना जाता है. करीब 560 फुट लंबी यह परमाणु पनडुब्बी एटम बम को ले जाने में सक्षम कई मिसाइलों से लैस है. बता दें कि अमेरिका ने भारत की सीमा से कुछ ही दूरी पर स्थित डियागो गार्सियों में अपनी सबसे घातक पनडुब्बी को तैनात कर चीन को बता दिया है कि अगर उसने भारत को आंख दिखाने की कोशिश की तो वह उस पर हमला करने से पीछे नहीं हटेगा.
बता दें कि चीन लगातार जिबूती स्थित नेवल पोर्ट और पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के जरिए हिंद महासागर में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश में लगा हुआ है. चीन की चाल को नाकाम करने के लिए अमेरिका ने अपनी सबसे घातक परमाणु पनडुब्बी को डियागो गार्सिया भेजकर बड़ा संदेश दिया है.