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त्रिशाला कहती हैं कि, सबसे पहले सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नशा चाहे कोई सा भी क्यों न हो वो शरीर पर नुकसान करेगा ही करेगा
त्रिशाला कहती हैं कि, सबसे पहले सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नशा चाहे कोई सा भी क्यों न हो वो शरीर पर नुकसान करेगा ही करेगा. नशा एक ऐसी चीज़ है जो आपके शरीर को धीरे-धीरे बीमारी की ओर ले जाती है. किसी के भी बार-बार ड्रग लेने पर या उसका आदि हो जाने पर बेहद ही खतरनाक परिणाम हो सकते हैं.
त्रिशाला आगे लिखती हैं कि, जो भी इंसान ड्रग लेता है वो अपनी मर्जी से लेता है. लेकिन उसका आदि हो जाने के बाद कोई भी इंसान अपने आप पर काबू नहीं पा सकता और ड्रग को लेने की इच्छा को रोक पाने के नाकाबिल हो जाता है.'
त्रिशाला ने आगे लिखा, 'अगर बात मेरे पिता संजय दत्त कि है तो वो हमेशा से ही रिकवरी की स्थिति में रहें हैं. ऐसा नहीं है कि वह ड्रग लेने के इस कदर आदि हो गए थे कि वो अपना अच्छा या बुरा नहीं सोच सकते थे. वहीं उनकी बीमारी की बात करुं तो ये एक ऐसी बीमारी है जिससे उनको हर दिन लड़ना पड़ेगा. मैं अपने पिता पर फक्र करती हूं और इसमें मुझे कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं होती.'
त्रिशाला ने आगे लिखा, 'अगर बात मेरे पिता संजय दत्त कि है तो वो हमेशा से ही रिकवरी की स्थिति में रहें हैं. ऐसा नहीं है कि वह ड्रग लेने के इस कदर आदि हो गए थे कि वो अपना अच्छा या बुरा नहीं सोच सकते थे. वहीं उनकी बीमारी की बात करुं तो ये एक ऐसी बीमारी है जिससे उनको हर दिन लड़ना पड़ेगा. मैं अपने पिता पर फक्र करती हूं और इसमें मुझे कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं होती.'
Neha Dani
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